Uttarakhand Circle Rates Increased: सर्किल रेट बढ़ने से देहरादून का ये इलाका हुआ 17 गुना महंगा, क्या हो गई नई कीमत?

Rishab Gusain
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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped...
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उत्तराखंड सरकार ने राजधानी देहरादून सहित कई जिलों में नए सर्किल रेट (Circle Rate) जारी कर दिए हैं। इन रेट्स के लागू होने से जमीन, फ्लैट और संपत्तियों की सरकारी कीमतें बढ़ गई हैं — और साथ ही नक्शा पास करवाने, अवैध निर्माण को वैध कराने (कंपाउंडिंग) और रजिस्ट्री शुल्क भी पहले से ज्यादा देना पड़ेगा। सरकार के इस कदम का सीधा असर आम लोगों, बिल्डरों, किसानों और कारोबारियों पर पड़ने वाला है।

देहरादून में कहां-कहां कितना बढ़ा सर्किल रेट

देहरादून के कई इलाकों में जमीनों की सरकारी दरों में 10% से लेकर 40% तक बढ़ोतरी की गई है।
सबसे चौंकाने वाला बदलाव राजपुर रोड में देखा गया है — जो पहले से ही दून का सबसे महंगा इलाका माना जाता है।

  • राजपुर रोड (घंटाघर से RTO कार्यालय तक):
    पहले सर्किल रेट ₹62,000 प्रति वर्गमीटर था, जो अब बढ़कर ₹68,000 हो गया है।
  • 50 से 350 मीटर की दूरी वाले इलाके (राजपुर क्षेत्र के आस-पास):
    ₹50,000 से बढ़ाकर ₹55,000 प्रति वर्गमीटर कर दिया गया।
  • बहुमंजिला इमारतों में फ्लैट:
    2023 में जहां ₹76,000 प्रति वर्गमीटर था, अब बढ़कर ₹82,000 प्रति वर्गमीटर हो गया है।

इसका मतलब साफ है — देहरादून में अब संपत्ति खरीदना पहले से कहीं ज्यादा महंगा सौदा साबित होगा।

बाहरी इलाकों में भी बढ़ोतरी

देहरादून के बाहरी इलाकों में भी जमीन की कीमतें 4,000 रुपये प्रति वर्गमीटर या उससे अधिक हो गई हैं।
कुछ प्रमुख इलाकों के ताज़ा रेट्स —

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इलाकाजमीन का रेट (₹/m²)फ्लैट का रेट (₹/m²)
सहस्रधारा रोड, IT पार्क से कृषाली चौक तक30,00044,000
सहारनपुर रोड, लालपुल से श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल तक30,00044,000
शिमला बाईपास रोड, मेहूंवाला तक30,00044,000
रायपुर रोड, काली मंदिर से रायपुर तक30,00044,000
माता मंदिर रोड, धर्मपुर चौक से पुलिस पोस्ट तक30,00044,000
झंडा मोहल्ला, सरनीमल बाजार, मोती बाजार38,00052,000

इन दरों से यह साफ है कि अब दून के लगभग हर हिस्से में रियल एस्टेट की सरकारी दरें बढ़ चुकी हैं

अब नक्शा पास करवाना और भी महंगा

सर्किल रेट बढ़ने के साथ ही एमडीडीए (MDDA) के तहत नक्शा पास करवाने की फीस और कंपाउंडिंग शुल्क में भी इजाफा होगा।
उत्तराखंड आर्किटेक्ट एंड इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष डी.एस. राणा के अनुसार —

“सर्किल रेट बढ़ने के बाद सब डिवीजन शुल्क भी बढ़ जाएगा, जो अब तक प्लॉट के एरिया और सर्किल वैल्यू के एक प्रतिशत के हिसाब से लिया जाता था।”

इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो अवैध निर्माण को वैध करवाने (compounding) का प्रयास कर रहे हैं। अब उन्हें काफी ज्यादा शमन शुल्क (penalty) देना होगा।

पहले ही दिन रिकॉर्ड रजिस्ट्री

नए रेट लागू होने के पहले ही दिन राज्यभर में 912 रजिस्ट्री हुईं।
यह दर्शाता है कि लोग संपत्ति की खरीद-बिक्री में अब भी रुचि दिखा रहे हैं, भले ही रेट बढ़ गए हों।

  • पहले सिर्फ 112 रजिस्ट्री होती थीं,
  • नए रेट लागू होने पर यह आंकड़ा 928 तक पहुंच गया।
    • देहरादून में 368
    • हरिद्वार में 268

इससे सरकार के राजस्व में भी बड़ा इजाफा हुआ है।

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अन्य जिलों में भी बढ़ोतरी

देहरादून के अलावा उत्तराखंड के अन्य जिलों में भी सर्किल रेट्स में व्यापक बदलाव किया गया है।

  • नैनीताल (मॉल रोड): ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹1.5 लाख प्रति वर्गमीटर — 50% वृद्धि
  • हल्द्वानी (नैनीताल रोड): ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 प्रति वर्गमीटर
  • हरिद्वार (हर की पैड़ी क्षेत्र): ₹68,000 से बढ़ाकर ₹72,000 प्रति वर्गमीटर
  • पौड़ी (यमकेश्वर): ₹7,800 से बढ़ाकर ₹12,000 प्रति वर्गमीटर
  • पिथौरागढ़ (शहरी क्षेत्र): ₹8,800 से बढ़ाकर ₹11,690 प्रति वर्गमीटर — करीब 40% वृद्धि

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार ने संपूर्ण प्रदेश में रियल एस्टेट बाजार की पुनर्समीक्षा की है।

किसानों और कारोबारियों के लिए राहत की संभावना

वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सर्किल दरों में बढ़ोतरी से किसानों को मिलने वाली मुआवजा राशि में भी बढ़ोतरी होगी।
क्योंकि जब जमीन का सरकारी मूल्य बढ़ता है, तो अधिग्रहण या बिक्री के समय किसानों को अधिक भुगतान किया जाता है।
इसके अलावा, संपत्ति के मूल्य अधिक होने से बैंक लोन लेने में आसानी होगी, क्योंकि बैंक अब उच्च मूल्यांकन के आधार पर ऋण मंजूर करेंगे।

निष्कर्ष: विकास की राह में संतुलन जरूरी

देहरादून सहित उत्तराखंड के सभी जिलों में सर्किल रेट बढ़ने से सरकारी खजाने को लाभ मिलेगा और किसानों को उचित मूल्य मिल सकेगा।
लेकिन सरकार को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि बढ़ी हुई दरों का असर आवासीय योजनाओं और आम नागरिकों की पहुंच पर न पड़े

अब सवाल यह है कि क्या इन नई दरों से प्रदेश में अवैध निर्माणों पर रोक लग सकेगी या यह आम जनता की जेब पर और बोझ बनेगा?
आने वाले महीनों में इसका असर रियल एस्टेट मार्केट और घर खरीदने वालों के रुझान से साफ नजर आएगा।

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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped businesses achieve remarkable organic growth through his strategic digital marketing approach. Deeply connected to his roots, Rishab is passionate about showcasing the rich culture, travel destinations, and traditions of Uttarakhand. His engaging content has attracted a growing readership, hitting over 10,000 visits in just two months.
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