उत्तराखंड का राजाजी टाइगर रिजर्व अपनी जैव-विविधता और घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां बाघ, हाथी और कई दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं। लेकिन हाल ही में यह इलाका एक अलग वजह से सुर्खियों में आ गया—रामगढ़ रेंज में बनी एक पुरानी मस्जिद को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सील कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ऐक्शन
रामगढ़ रेंज के वन अधिकारी अजय ध्यानी के मुताबिक, मस्जिद का निर्माण आशा रोडी फॉरेस्ट बीट में लगभग 0.0008 हेक्टेयर वन भूमि पर किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 3 सितंबर को आदेश दिया था कि अभयारण्य क्षेत्र में किसी भी तरह की मानवीय गतिविधि वर्जित है। इसी निर्देश का पालन करते हुए, मंगलवार को वन विभाग और पुलिस ने संयुक्त रूप से मस्जिद को सील कर दिया।
पुलिस बल की मौजूदगी में मस्जिद को बंद किया गया और बाहर चेतावनी बोर्ड भी लगाया गया। इस बोर्ड पर साफ लिखा गया कि कोर्ट के आदेश या सीलिंग का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
विवाद की जड़ क्या है?
वन विभाग ने पहले ही मस्जिद के निर्माण पर आपत्ति जताई थी क्योंकि यह संरक्षित वन भूमि पर बनाई गई थी। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। अदालत ने राज्य सरकार की दलील सुनी और स्पष्ट किया कि अभयारण्य क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण या धार्मिक गतिविधि कानून के खिलाफ है।
दरअसल, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित क्षेत्रों में मानव गतिविधियों पर प्रतिबंध है ताकि वहां के पर्यावरण और जीव-जंतुओं को नुकसान न पहुंचे।
राजाजी टाइगर रिजर्व का महत्व
यहां यह समझना जरूरी है कि राजाजी टाइगर रिजर्व उत्तराखंड के प्रमुख वन क्षेत्रों में से एक है। यह देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी जिलों में फैला हुआ है और हाथियों के कॉरिडोर के लिए भी जाना जाता है।
अगर संरक्षित क्षेत्र में धार्मिक स्थल या मानव बस्तियां बढ़ेंगी तो वहां के वन्यजीवों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। कई बार देखा गया है कि ऐसी गतिविधियों से जानवरों का प्राकृतिक मार्ग बाधित होता है और मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं।
सामाजिक माहौल और हाल की घटनाएं
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब उत्तराखंड के काशीपुर (ऊधमसिंह नगर) में हाल ही में एक जुलूस के दौरान बवाल हो गया था। वहां उपद्रवियों ने पुलिस पर हमला कर दिया और सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ की। मुख्य आरोपी समेत 7 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इस पृष्ठभूमि में, राजाजी टाइगर रिजर्व में मस्जिद सील होने की खबर और भी संवेदनशील हो जाती है क्योंकि यह सामाजिक तनाव के दौर में सामने आई है।
निष्कर्ष
राजाजी टाइगर रिजर्व में मस्जिद सील करने की यह कार्रवाई कानूनी और पर्यावरणीय दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। यह कदम यह संदेश देता है कि प्राकृतिक धरोहर की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए किसी भी तरह की मानवीय गतिविधि को मंजूरी नहीं दी जाएगी।
हालांकि, ऐसे संवेदनशील मामलों में प्रशासन और समाज दोनों को संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा ताकि कानून का पालन भी हो और सामाजिक सौहार्द भी बना रहे।