Indian Student On Visa In Russia: स्टूडेंट वीजा पर रूस गए एक और भारतीय छात्र को जबरन युद्ध में झोंका, भेजा यूक्रेन; MEA से गुहार

Rishab Gusain
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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped...
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रूस-यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं। इस लंबे संघर्ष का असर सिर्फ इन दोनों देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया भर में फैले लाखों परिवारों को इसकी चोट महसूस हो रही है। ताज़ा मामला उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले का है, जहां एक छात्र राकेश कुमार स्टूडेंट वीज़ा पर पढ़ाई के लिए रूस गया था, लेकिन वहां से उसकी किस्मत एक खतरनाक मोड़ पर जा पहुंची। आरोप है कि उसे जबरन रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया और यूक्रेन युद्ध में धकेल दिया गया।

रूस जाने का सपना, युद्ध का हकीकत

शक्तिफार्म कुसमोठ निवासी राकेश कुमार (30 वर्ष) इसी साल 7 अगस्त को स्टडी वीज़ा पर रूस गया था। घर से विदा लेते समय परिवार ने सोचा था कि वह बेहतर भविष्य और पढ़ाई के अवसर तलाशने जा रहा है। लेकिन यह सपना कुछ ही दिनों में भयावह अनुभव में बदल गया।

  • राकेश ने घर फोन कर बताया था कि वह कठिन परिस्थितियों में फंस गया है।
  • 30 अगस्त को आखिरी बार उससे परिवार की बात हुई।
  • उस समय उसने बताया कि उसे जबरन रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया है और जल्द ही उसे युद्ध क्षेत्र भेजा जाएगा।
  • इतना ही नहीं, उसने अपने परिवार को सेना की वर्दी पहने हुए एक फोटो भी भेजा।

इसके बाद से उसका मोबाइल बंद है और परिवार गहरे संकट में है।

परिवार की व्यथा और गुहार

राकेश के बड़े भाई दीपू मौर्या ने 5 सितंबर को विदेश मंत्रालय को ईमेल भेजकर पूरी घटना की जानकारी दी। परिवार ने भारत सरकार से तुरंत हस्तक्षेप कर राकेश को सुरक्षित वतन वापस लाने की मांग की है।

  • परिजनों ने रूस में भारतीय दूतावास को पत्र भेजा है।
  • स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को भी सूचित किया गया है।
  • अब पूरा परिवार विदेश मंत्रालय से ठोस कदम की उम्मीद लगाए बैठा है।
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उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य से विदेश पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई युवा बेहतर शिक्षा और करियर की तलाश में रूस, जॉर्जिया, कजाखस्तान जैसे देशों का रुख करते हैं। लेकिन राकेश के साथ हुई यह घटना उनके और उनके परिवारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

पंजाब से भी सामने आया ऐसा ही मामला

यह कोई अकेली घटना नहीं है। इससे पहले पंजाब के मोगा जिले के चक कनियां कलां गांव का मामला सुर्खियों में आया था। वहां के बूटा सिंह को भी स्टूडेंट वीज़ा पर रूस ले जाया गया और बाद में उसे धोखे से सेना में भर्ती कर युद्ध में भेज दिया गया।

बूटा सिंह का परिवार आज भी अपने बेटे की सुरक्षित वापसी की राह देख रहा है। इन दोनों मामलों ने यह साफ कर दिया है कि छात्र वीज़ा के नाम पर भारतीय युवाओं को फंसाकर उन्हें युद्ध में झोंका जा रहा है।

निष्कर्ष

रूस-यूक्रेन युद्ध का यह नया अध्याय भारत के लिए चिंताजनक है। पंजाब और उत्तराखंड से सामने आए मामले इस बात की ओर इशारा करते हैं कि भारतीय छात्रों को निशाना बनाकर उन्हें जबरन युद्ध में झोंकने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।

सरकार को न केवल इन छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए, बल्कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए एक सख्त नीति भी बनानी होगी। वरना, “पढ़ाई के लिए विदेश” जाने का सपना कई और परिवारों के लिए दर्दनाक हकीकत बन सकता है।

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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped businesses achieve remarkable organic growth through his strategic digital marketing approach. Deeply connected to his roots, Rishab is passionate about showcasing the rich culture, travel destinations, and traditions of Uttarakhand. His engaging content has attracted a growing readership, hitting over 10,000 visits in just two months.
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