उत्तराखंड के काशीपुर में हाल ही में हुए बवाल के बाद सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ शब्दों में कहा है कि उपद्रव करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और सार्वजनिक व निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
रविवार रात काशीपुर के अल्ली खां मोहल्ले में बिना अनुमति एक जुलूस निकाला गया, जिसमें ‘आई लव मोहम्मद’ के नारे लगाए गए। मामला तब बिगड़ गया जब पुलिस ने इस जुलूस को रोकने की कोशिश की। भीड़ ने पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया और कई वाहनों में तोड़फोड़ की।
इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए। पुलिस ने 500 से अधिक लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। अब तक सपा नेता नदीम अख्तर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य दो नेता – हनीफ गांधी और दानिश चौधरी अभी फरार बताए जा रहे हैं।
सीएम धामी का सख्त संदेश
मंगलवार को राजपुर रोड पर आयोजित एक जीएसटी जागरूकता कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में सीएम धामी ने कहा:
- दंगाई चाहे किसी भी संगठन या पार्टी से जुड़े हों, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा।
- नुकसान की वसूली दंगाइयों से ही की जाएगी।
- राज्य में ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
धामी सरकार पहले से ही दंगारोधी कानून के तहत ऐसे मामलों में कड़ा रुख अपनाने के लिए जानी जाती है।
बुलडोजर ऐक्शन शुरू
इस घटना के अगले ही दिन प्रशासन ने अल्ली खां मोहल्ले में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी।
- लगभग 200 घरों और दुकानों पर बुलडोजर चला।
- कार्रवाई लगातार जारी है और पुलिस-प्रशासन ने साफ संकेत दिया है कि ऐसे तत्वों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।
क्यों जरूरी है सख्ती?
काशीपुर उत्तराखंड का औद्योगिक और सामाजिक दृष्टि से अहम इलाका है। यहां की शांति और भाईचारे पर कोई भी हमला, पूरे राज्य के माहौल को खराब कर सकता है।
मेरे विचार से, सरकार की इस सख्ती से एक स्पष्ट संदेश जाएगा कि कानून तोड़ने वालों और माहौल बिगाड़ने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
इस तरह की कार्यवाही न सिर्फ लोगों को कानून का सम्मान करना सिखाएगी, बल्कि भविष्य में होने वाले उपद्रवों पर भी रोक लगाएगी।
निष्कर्ष
काशीपुर बवाल के बाद धामी सरकार का बुलडोजर ऐक्शन और दंगाइयों से वसूली का ऐलान यह दिखाता है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर कोई समझौता नहीं होगा।
यह कदम जहां कानून व्यवस्था को मजबूत करेगा, वहीं आम जनता का भी भरोसा बढ़ाएगा कि सरकार उनके साथ है और उपद्रव करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी।