250 Madrasas Shut Down: अब तक 250 मदरसों पर ताला, सिर्फ इस शर्त पर ही उत्तराखंड में टिक पाएंगे मदरसे

Rishab Gusain
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उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार लगातार सख्त रुख अपनाती नजर आ रही है। अब प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे मदरसों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। सीएम धामी ने बुधवार को स्पष्ट रूप से कहा कि अब तक 250 से अधिक मदरसे बंद कराए जा चुके हैं, और यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने दो टूक कहा कि “उत्तराखंड में केवल वही मदरसे चलेंगे जो सरकारी पाठ्यक्रम पढ़ाएंगे। बाकी पर ताला लगेगा।”

मदरसा बोर्ड होगा समाप्त, 2026 से लागू होगा नया नियम

मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि राज्य में मदरसा बोर्ड को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, और जुलाई 2026 से केवल वे मदरसे ही संचालित होंगे जो सरकारी शिक्षा व्यवस्था के अनुरूप पाठ्यक्रम पढ़ाएंगे। उन्होंने बताया कि यह निर्णय किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लिया गया है।

धामी ने चंपावत जिले के जीजीआईसी सभागार में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में 5000 से अधिक अवैध मजारें हटाई गई हैं, जबकि ढाई सौ से ज्यादा अवैध मदरसे बंद कराए जा चुके हैं। उनका कहना था कि यह कार्रवाई कानून व्यवस्था को बनाए रखने और प्रदेश की जनसांख्यिकी संतुलन को संरक्षित करने के लिए आवश्यक थी।

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“लव, थूक और लैंड जिहाद बर्दाश्त नहीं” – सीएम धामी का सख्त रुख

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ वर्षों में उत्तराखंड की जनसंख्या संरचना में चिंताजनक बदलाव देखने को मिला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इस पर पूरी नजर रखे हुए है। धामी ने कहा –

“उत्तराखंड की पहचान शांति और संस्कारों से है। यहां लव जिहाद, थूक जिहाद या लैंड जिहाद जैसी गतिविधियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

उन्होंने बताया कि 9 हजार एकड़ से अधिक सरकारी जमीन लैंड जिहाद करने वालों से मुक्त कराई जा चुकी है, और आगे भी इस दिशा में कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।

अवैध मदरसों के खिलाफ क्यों उठाया गया कदम

जानकारों के मुताबिक, राज्य सरकार को लगातार इनपुट मिल रहे थे कि कई मदरसे बिना पंजीकरण और बिना सरकारी अनुमति के चल रहे हैं, जहां न तो बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा दी जा रही थी, और न ही पारदर्शी तरीके से काम हो रहा था।
सीएम धामी का मानना है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल धार्मिक ज्ञान नहीं, बल्कि बच्चों को देशभक्ति, समाजसेवा और आधुनिक विज्ञान से भी जोड़ना होना चाहिए।

“स्वदेशी से आत्मनिर्भर भारत” – धामी ने दिया आत्मनिर्भरता का संदेश

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान के तहत कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी उत्पादों को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि जब हम अपने स्थानीय उत्पादों, पहाड़ी कृषि और हस्तशिल्प को बढ़ावा देंगे, तभी ‘वोकल फॉर लोकल’ का सपना साकार होगा।

चंपावत का संदर्भ – सीमावर्ती जिले में सख्त प्रशासनिक संदेश

चंपावत, जो कि नेपाल सीमा से सटा हुआ क्षेत्र है, लंबे समय से जनसंख्या और भूमि विवादों को लेकर संवेदनशील रहा है। यहां से सीएम धामी का यह बयान देना केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि एक प्रतीकात्मक संदेश भी है कि सीमावर्ती इलाकों में अब अवैध गतिविधियों को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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निष्कर्ष

उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय एक बड़े सामाजिक सुधार की दिशा में कदम माना जा सकता है। आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जुलाई 2026 के बाद मदरसों की व्यवस्था किस रूप में बदलती है और क्या यह निर्णय प्रदेश में शैक्षिक सुधार और सामाजिक सौहार्द को नई दिशा दे पाएगा या नहीं।

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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped businesses achieve remarkable organic growth through his strategic digital marketing approach. Deeply connected to his roots, Rishab is passionate about showcasing the rich culture, travel destinations, and traditions of Uttarakhand. His engaging content has attracted a growing readership, hitting over 10,000 visits in just two months.
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