Uttarakhand Cloudburst: उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से तबाही, कई लोग फंसे, बचाव कार्य जारी

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Uttarakhand Cloudburst: उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से तबाही

Uttarakhand Cloudburst: उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के मोपाटा गांव में बीती रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। मूसलाधार बारिश और अचानक आए मलबे ने गांव को अस्त-व्यस्त कर दिया। इस हादसे में तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता बताए जा रहे हैं, जबकि विक्रम सिंह और उनकी पत्नी घायल हुए हैं। इसके अलावा लगभग 35 मवेशियों की मौत और सैकड़ों हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचने की खबर है।

बदरीनाथ हाईवे पर यातायात ठप

भारी मलबा आने के कारण चटवा पीपल के पास बदरीनाथ हाईवे पूरी तरह बंद हो गया है। इससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग खोलने की कोशिश शुरू की है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से राहत मिलने की संभावना फिलहाल कम है।

प्रशासन की तत्परता

चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि राहत और बचाव दल मौके पर पहुंच चुके हैं और युद्धस्तर पर काम जारी है। एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीमें मलबा हटाने और प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगी हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और अनावश्यक यात्रा से बचें।

मुख्यमंत्री धामी का बयान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरी संवेदना जताई है। उन्होंने कहा कि चमोली और रुद्रप्रयाग में बादल फटने से कुछ परिवारों के फंसे होने की जानकारी मिली है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को लगातार अलर्ट पर रहने और राहत कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना भी की।

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स्थानीय स्थिति और व्यक्तिगत दृष्टिकोण

चमोली उत्तराखंड का वही क्षेत्र है जो बदरीनाथ धाम की यात्रा और अपनी खूबसूरत घाटियों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन यह इलाका बार-बार प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आता है। चाहे 2021 का ग्लेशियर टूटने से आई आपदा हो या हर साल बारिश और भूस्खलन की घटनाएँ—यह क्षेत्र लगातार संकट झेल रहा है।
मेरी राय में, हर आपदा के बाद केवल राहत-बचाव कार्य करना पर्याप्त नहीं है। जरूरत है कि सरकार और प्रशासन यहां स्थायी समाधान तलाशें। बेहतर आपदा चेतावनी तंत्र, गांवों का सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास और पर्यावरण के अनुकूल विकास ही आगे की तबाही को कम कर सकते हैं।

निष्कर्ष

यह घटना हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि उत्तराखंड जितना सुंदर है, उतना ही संवेदनशील भी। प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर ही इस प्रदेश में सुरक्षित जीवन और विकास संभव है।

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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped businesses achieve remarkable organic growth through his strategic digital marketing approach. Deeply connected to his roots, Rishab is passionate about showcasing the rich culture, travel destinations, and traditions of Uttarakhand. His engaging content has attracted a growing readership, hitting over 10,000 visits in just two months.
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