उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में रविवार शाम एक दर्दनाक हादसे ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुंड और काकड़ागाड़ के बीच एक कार अचानक पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आकर गहरी खाई में जा गिरी। इस दुर्घटना में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी निवासी 40 वर्षीय मुकेश कुमार की मौत हो गई, जबकि दो बच्चों समेत पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
हादसा कैसे हुआ
यह घटना शाम करीब पौने छह बजे की बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर अचानक ऊपर से भारी पत्थर गिरने लगे। इन्हीं पत्थरों की चपेट में आने से कार (जिसमें छह लोग सवार थे) चालक का नियंत्रण खो बैठी और देखते ही देखते कार सीधे नदी किनारे गहरी खाई में जा गिरी।घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंच गया। उन्होंने बमुश्किल कार तक पहुंचकर सभी घायलों को बाहर निकाला।
मृतक और घायलों की पहचान
पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान मुकेश कुमार (40), निवासी – शांति नगर, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है।
घायलों में शामिल हैं:
- अंजलि मौर्य (32) – मृतक की पत्नी
- अमोली (5 वर्ष) – मृतक की पुत्री
- अरुण मौर्य (40) – निवासी लखनऊ
- रचना (पत्नी अरुण मौर्य)
- पीहू (2.5 वर्ष) – उनकी पुत्री
सभी घायलों को स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से अगस्त्यमुनि के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार जारी है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
रुद्रप्रयाग पुलिस के अनुसार, हादसे की सूचना मिलते ही बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंच गया। एक व्यक्ति को अचेत अवस्था में पाया गया, जिसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाकी घायलों की हालत में सुधार बताया जा रहा है।
थाना प्रभारी ने बताया, “यह क्षेत्र पहाड़ी गिरने की दृष्टि से संवेदनशील है। पिछले कुछ दिनों से हल्की बारिश के कारण पहाड़ियों से पत्थर खिसक रहे हैं। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे इलाकों से गुजरते समय विशेष सावधानी बरतें।”
निष्कर्ष
रुद्रप्रयाग की यह दुर्घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि उत्तराखंड की पहाड़ियाँ जितनी खूबसूरत हैं, उतनी ही संवेदनशील भी हैं। एक पल की असावधानी या प्राकृतिक असंतुलन बड़ा नुकसान पहुँचा सकता है। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की, लेकिन भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए स्थायी समाधान और आधुनिक तकनीकी निगरानी की जरूरत है।