उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और आस्था के प्रतीक मां नंदा देवी महोत्सव में इस बार एक अप्रत्याशित विवाद खड़ा हो गया। नैनीताल में महोत्सव के लाइव प्रसारण के दौरान अचानक स्क्रीन पर देश विरोधी नारे दिखाई देने लगे। यह घटना न केवल श्रद्धालुओं के लिए चौंकाने वाली थी बल्कि पूरे उत्तराखंड में इसे लेकर आक्रोश भी फैल गया। फिलहाल पुलिस और साइबर क्राइम टीम इस मामले की गहन जांच कर रही है।
घटना कैसे हुई?
जानकारी के मुताबिक, शनिवार को जब मां नंदा–सुनंदा के पवित्र डोले का नगर भ्रमण और विसर्जन चल रहा था, उसी समय स्थानीय ताल चैनल पर इसका सीधा प्रसारण किया जा रहा था। इसी बीच अचानक स्क्रीन पर आपत्तिजनक और देश विरोधी स्लोगन दिखाई देने लगे।
चैनल संचालक मारूति साह ने बताया कि उन्हें लगातार फोन कॉल आने लगे कि टीवी स्क्रीन पर गलत संदेश प्रसारित हो रहे हैं। इसके बाद चैनल की तकनीकी टीम ने तुरंत प्रसारण रोकने की कोशिश की और मामले की सूचना पुलिस को दी।
साइबर हमले की आशंका
प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि संभवत: चैनल के इनकोडर सिस्टम को हैक कर वायरस डाला गया, जिसके जरिए यह आपत्तिजनक स्लोगन स्क्रीन पर प्रसारित हुए। सुरक्षा कारणों से फिलहाल चैनल के सभी लिंक बंद कर दिए गए हैं।
सीओ साइबर क्राइम, सुमित पांडे ने बताया कि चैनल संचालक को औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा गया है। जैसे ही शिकायत दर्ज होगी, मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप
जैसे ही यह वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों में गुस्सा फूट पड़ा। नंदा देवी महोत्सव उत्तराखंड की आस्था और परंपरा से जुड़ा हुआ है। ऐसे में इस तरह की हरकत न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है, बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है।
नंदा देवी महोत्सव का महत्व
नैनीताल का नंदा देवी महोत्सव उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान है। हर साल भाद्रपद मास में होने वाला यह उत्सव देवी नंदा और सुनंदा को समर्पित होता है। माना जाता है कि यह पर्व मां नंदा देवी को विदा करने का प्रतीक है, जिसमें डोले नगर भ्रमण करते हैं और फिर विसर्जन होता है। इस दौरान दूर-दराज़ से हजारों श्रद्धालु नैनीताल पहुंचते हैं।
यह महोत्सव न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन के लिए भी अहम भूमिका निभाता है।
परंपरा की रक्षा के साथ साइबर सुरक्षा भी जरूरी
नंदा देवी महोत्सव जैसे आयोजनों पर पूरे देश और विदेश की नज़र रहती है। ऐसे में हैकिंग जैसी घटनाएं न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं बल्कि राज्य की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के लाइव प्रसारण के लिए साइबर सिक्योरिटी के पुख्ता इंतज़ाम किए जाएं। साथ ही तकनीकी टीम को भी प्रशिक्षित किया जाए ताकि हैकर्स को मौका न मिल सके।
निष्कर्ष
नैनीताल के नंदा देवी महोत्सव के लाइव प्रसारण के दौरान देश विरोधी नारे दिखना एक गंभीर मामला है। पुलिस और साइबर टीम इस पर काम कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही दोषियों तक पहुंचा जाएगा।
यह घटना एक चेतावनी भी है कि हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर की डिजिटल सुरक्षा को लेकर और ज्यादा सतर्क रहना होगा। आखिरकार, आस्था और परंपरा पर किसी भी तरह का आघात सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए दुखद है।