उत्तराखंड की सड़कों की असली तस्वीर अब खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देखेंगे। सचिवालय में अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने साफ कहा कि अब समय है “जमीन पर काम का रियलिटी चेक” करने का। इसके लिए सीएम धामी प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में सड़क मार्ग से सफर करेंगे और मौके पर विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे।
50 दिन में सुधरे सड़कों की हालत
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 50 दिन की डेडलाइन दी है। इस दौरान सभी विभागों को अपनी-अपनी जिम्मेदारियों के तहत सड़कों और विकास योजनाओं को दुरुस्त करना होगा। सीएम का कहना है कि जिस जिले से वे गुजरेंगे, वहां वे अफसरों के साथ बैठक करेंगे और सीधे जनता से भी संवाद करेंगे।
जनता से सीधे जुड़ने की पहल
यह पहला मौका नहीं है जब धामी जनता के बीच जाकर उनकी राय लेने जा रहे हैं। इससे पहले वे “गांव प्रवास कार्यक्रम” के तहत कई गांवों में रात भी गुजार चुके हैं। तब उन्हें लोगों की समस्याओं और जरूरतों का सीधा अनुभव हुआ था। अब वे सड़कों और विकास कार्यों पर जनता की आवाज़ सुनेंगे।
उत्तराखंड की सड़कें: हकीकत और चुनौतियां
सच कहें तो उत्तराखंड में सड़कें हमेशा चर्चा का विषय रही हैं। मैदानी इलाकों में तो हालात कुछ ठीक-ठाक हैं, लेकिन पहाड़ी जिलों में गड्ढों से भरी सड़कों और लगातार हो रहे भूस्खलन से लोग रोज जूझते हैं। बरसात के दिनों में तो कई गांव ऐसे होते हैं जो बाकी दुनिया से कट जाते हैं।