उत्तराखंड में एक बार फिर मानसून की सक्रियता से मौसम ने करवट ले ली है। राजधानी देहरादून सहित प्रदेश के कई जिलों में बादलों का डेरा छाया हुआ है और रुक-रुक कर हल्की से मध्यम वर्षा का दौर जारी है। हालांकि, जहां मैदानों में यह बारिश गर्मी से राहत लेकर आई है, वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में यह आफत का रूप ले चुकी है। खासकर चारधाम यात्रा मार्गों पर भूस्खलन लगातार बड़ा खतरा बना हुआ है। मौसम विभाग ने राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।
चमोली जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर स्थित गौरीकुंड क्षेत्र में बार-बार हो रहे भूस्खलनों के कारण आवाजाही बार-बार बाधित हो रही है। यात्रियों को घंटों मलबा हटने का इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर भी हाल ही में पहाड़ी दरकने की वजह से एक दुर्घटना हो चुकी है, जिससे यात्रा में शामिल लोगों के लिए यह रास्ता जोखिमभरा बन गया है। कई इलाकों में लगातार बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हो गया है और आपदा जैसे हालात बनते जा रहे हैं।
इधर, कुमाऊं के कई हिस्सों जैसे अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत में मूसलाधार वर्षा ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इन इलाकों में जगह-जगह भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं, जिससे न केवल यात्री, बल्कि स्थानीय लोग भी बुरी तरह प्रभावित हैं।
मौसम विभाग (IMD) ने अगले पांच दिन तक राज्य में मौसम के मिजाज में किसी खास बदलाव की संभावना से इनकार किया है। खासकर आज के लिए बागेश्वर में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में भी हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना बनी हुई है।
बारिश के इस दौर ने एक ओर जहां तापमान में गिरावट लाकर आम लोगों को गर्मी से राहत दी है, वहीं दूसरी ओर पहाड़ों में यात्रा और जीवन को मुश्किल बना दिया है। चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए यह मौसम चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है और रेस्क्यू टीमें संवेदनशील इलाकों में अलर्ट पर हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो इस समय पहाड़ी इलाकों में यात्रा करते समय अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे मौसम विभाग द्वारा जारी की जा रही चेतावनियों और अपडेट्स पर नज़र रखें, और अनावश्यक रूप से जोखिम भरे मार्गों पर यात्रा से बचें।
उत्तराखंड के बदलते मौसम और लगातार हो रही वर्षा से यह स्पष्ट है कि अगले कुछ दिन राज्यवासियों और तीर्थयात्रियों के लिए काफी संवेदनशील हो सकते हैं। ऐसे में प्रशासनिक तैयारी और आम जन की सतर्कता ही इस आपदा जैसी स्थिति से निपटने का एकमात्र समाधान है।