उत्तराखंड में विशेष बच्चों के लिए संचालित एक स्कूल के 29 वर्षीय वार्डन को दो छात्रों — 13 और 9 वर्ष के दो भाइयों — के कथित यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। घटना सामने आने के बाद स्कूल को बंद कर दिया गया है। आरोपी वार्डन मोनू पाल, उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर का निवासी है और देहरादून के पटेल नगर स्थित कारगी चौक के पास रह रहा था।
बाल अधिकार आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने बताया, “आरोपी 16 मई से स्कूल में कार्यरत था, लेकिन उसका पुलिस सत्यापन नहीं किया गया था।”
उन्होंने यह भी कहा, “स्कूल दिल्ली में पंजीकृत एक ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जा रहा था। चूंकि यह स्कूल केवल प्री-प्रिपरेटरी (पूर्व-प्रारंभिक) स्तर तक सीमित था, इसलिए इसके संचालन के लिए किसी शैक्षिक मान्यता की अनुमति नहीं ली गई थी। अब यह स्कूल बंद कर दिया गया है।”
पुलिस के अनुसार, पीड़ित बच्चों की मां ने शिकायत दर्ज कराई है कि उन्होंने अप्रैल में ऑनलाइन जानकारी मिलने पर अपने बच्चों को इस स्कूल में दाखिल कराया था। 30 मई को जब वह अपने बच्चों से मिलने स्कूल गईं, तब बच्चों ने उनसे वार्डन द्वारा किए गए यौन उत्पीड़न की बात साझा की।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा, “अपराध की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। नाबालिग पीड़ितों का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को मामले की जानकारी दी गई। बच्चों के बयान दर्ज कराने के लिए विशेषज्ञ को बुलाया गया ताकि वे पीड़ितों से सही तरीके से संवाद कर सकें। हमने स्कूल के सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर जब्त की और फुटेज की जांच की। सबूत जुटाने के बाद आरोपी वार्डन को गिरफ्तार कर लिया गया है।”