देहरादून के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के ग्रामीणों के लिए यह खबर खुशखबरी से कम नहीं है। क्षेत्र के ईच्छला और फटेऊ गांवों में अब सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। यहां 6,000 किलोवाट (6 मेगावाट) क्षमता वाले सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिससे न केवल बिजली व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय लोगों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा।
उदपाल्टा और उपरौली में सफल परीक्षण के बाद विस्तार
इससे पूर्व उदपाल्टा और उपरौली गांवों के पास सोलर प्लांट लगाए गए थे, जहां से मिले सकारात्मक परिणामों के बाद अब परियोजना को ईच्छला और फटेऊ गांवों में विस्तारित किया गया है। इन प्लांट्स से उत्पादित बिजली सीधे ग्रिड से जोड़ी जाएगी, जिससे क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति अधिक स्थिर और सुलभ होगी।
ग्रामीणों को मिलेगा सालाना किराया
इन सोलर प्लांट्स के लिए MRL कंपनी ने ग्रामीणों की भूमि को 30 साल की लीज पर लिया है। जिन ग्रामीणों की जमीन पर प्लांट लगाए जा रहे हैं, उन्हें कंपनी की ओर से प्रति बीघा सालाना किराया भी मिलेगा। इससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उन्हें स्थायी आय का एक नया स्रोत मिलेगा।
स्थानीय रोजगार और क्षेत्रीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
विद्युत वितरण खंड के सहायक अभियंता अशोक कुमार के अनुसार, इन परियोजनाओं से न केवल ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। इसके साथ ही गांवों में सड़क, संचार और आधारभूत सुविधाओं के विकास की संभावना भी बढ़ेगी।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर कदम
यह पहल राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे ले जाएगी, जहां परंपरागत बिजली स्रोतों पर निर्भरता कम होकर हरित और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इससे पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा।