देहरादून में प्रस्तावित रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड परियोजना, जिसका उद्देश्य शहर की ट्रैफिक समस्या को कम करना है, अब विवादों में घिरती नजर आ रही है। इस परियोजना के खिलाफ झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों में रहने वाले हजारों लोगों ने आज जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस पार्टी और कुछ सामाजिक संगठनों ने इस विरोध को समर्थन दिया है।
आज कांग्रेस पार्टी के बैनर तले देहरादून नगर निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पूर्व कांग्रेस विधायक राजकुमार भी प्रभावित परिवारों के समर्थन में प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने परियोजना को वापस लेने की मांग करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और एक ज्ञापन नगर आयुक्त को सौंपा।
“सरकार ने बसाया, अब अतिक्रमण कह रही है”
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि परियोजना के चलते सैकड़ों घर तोड़े जाएंगे जिससे गरीब परिवार उजड़ जाएंगे, जिन्हें कभी सरकार ने खुद बसाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि अब प्रशासन उन घरों को अवैध अतिक्रमण बताकर नोटिस दे रहा है और मामूली मुआवजे की पेशकश कर रहा है।
जानकारी के अनुसार, इस परियोजना के लिए 2600 से अधिक घरों को अधिग्रहित कर ध्वस्त किया जाना प्रस्तावित है। नगर निगम की ओर से 864 घरों को पहले ही नोटिस जारी किए जा चुके हैं और उनके दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया जारी है।
“बीजेपी सरकार कर रही अन्याय”: पूर्व विधायक राजकुमार
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने गरीबों को बंजर सरकारी भूमि पर बसाया था, लेकिन अब भाजपा सरकार उन्हीं परिवारों को उजाड़ने पर तुली है। उन्होंने सवाल किया कि इन परिवारों को उजाड़ने के बाद सरकार उन्हें कहां बसाएगी?
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिनका निवास सरकारी भूमि पर है, उन्हें तो मुआवजा भी नहीं मिलेगा। राजकुमार ने कहा कि अगर सरकार ने परियोजना पर पुनर्विचार नहीं किया तो आक्रामक आंदोलन शुरू किया जाएगा।
प्रशासन का पक्ष
वहीं, नगर आयुक्त नमामी बंसल ने कहा कि नोटिस जारी किए गए हैं और कुछ प्रभावित परिवारों की ओर से ज्ञापन भी मिला है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दस्तावेज सत्यापन के बाद पात्र व्यक्तियों के लिए वैकल्पिक आवास और मुआवजे की व्यवस्था की जाएगी।