Heavy Rain in Khatima- खटीमा और पिथौरागढ़ में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही, SDRF ने बचाई जानें

Rishab Gusain
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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped...
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उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र खटीमा में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। खटीमा के नदी नालों का पानी कई इलाकों में घुस गया है, जिससे ग्रामीण परिवार बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। एसडीआरएफ की टीम ने कई परिवारों को मोटर बोट के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। तहसील प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है, वहीं कई लोग अपने घर छोड़कर रेलवे ट्रैक के किनारे पन्नी से टेंट बनाकर रहने को मजबूर हैं।

खटीमा में बाढ़ की विकराल स्थिति

खटीमा में भारी बारिश के कारण जलभराव ने कई इलाकों को प्रभावित किया है। चकरपुर के वन रावत बस्ती, मेलाघाट सिसैया, भगचुरी, नोसर, प्रतापपुर, दिया, खेतल संडा मुस्तजार और यूपी सीमा से लगे दाह ढांकी जैसे कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। खासकर वन रावत बस्ती पूरी तरह पानी में डूब गई है। यहां के लोग अपने परिवार और जानवरों के साथ रेलवे ट्रैक के किनारे टेंट में रह रहे हैं। छोटे बच्चों को पंचायत घर में रखा गया है, जहां उनकी देखभाल और भोजन की व्यवस्था की गई है।

तहसील प्रशासन और एसडीएम खटीमा लगातार प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों का संचालन कर रहे हैं। बारिश का खतरा अभी भी बना हुआ है, इसलिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।

पिथौरागढ़ में भूस्खलन और मकानों को खतरा

पिथौरागढ़ के बेरीनाग और गंगोलीहाट क्षेत्रों में भी लगातार बारिश के कारण भूस्खलन और मकानों को खतरा बढ़ गया है। मनगड़ गांव में पहाड़ी से गिरा बोल्डर मकानों के पास पहुंच गया, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है। आमहाट गांव में भी कई मकान भूस्खलन के कारण खतरे में हैं। बेरीनाग नगर में जवाहर चौक के पास भी भूस्खलन हुआ, जिससे एक मकान खतरे में आ गया।

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एसडीएम आशीष जोशी और ज्येष्ठ प्रमुख धीरज बिष्ट ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर लोगों से मुलाकात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया है। तहसील प्रशासन लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य कर रहा है।

सड़क बंद, जेसीबी चालक घायल

बेरीनाग सेराघाट मार्ग पर मंगलवार देर शाम पहाड़ी से मलबा गिरने से सड़क बंद हो गई। मलबा हटाने के दौरान जेसीबी मशीन के ऊपर भी मलबा गिर गया, जिससे चालक मनोज मेहता घायल हो गया। पुलिस और तहसीलदार की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया गया। सड़क बंद होने से वाहनों की लंबी कतार लग गई।

अतिरिक्त जानकारी और व्यक्तिगत विचार

खटीमा और पिथौरागढ़ जैसे सीमांत और पहाड़ी क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हमेशा संवेदनशील रहे हैं। यहां की भौगोलिक स्थिति और लगातार बढ़ती बारिश ने इन इलाकों को बार-बार आपदा की चपेट में ला दिया है। खासकर खटीमा का सीमांत क्षेत्र, जो उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित है, यहां की बाढ़ की समस्या हर साल गंभीर होती जा रही है।

मेरी व्यक्तिगत राय में, इन क्षेत्रों में बेहतर जल निकासी व्यवस्था और आपदा प्रबंधन के लिए स्थानीय प्रशासन को और अधिक सक्रिय और सतर्क रहना होगा। साथ ही, ग्रामीणों को भी आपदा के प्रति जागरूक करना जरूरी है ताकि वे समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंच सकें।

यह भी ध्यान देने योग्य है कि पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो न केवल मकानों को खतरे में डालती हैं बल्कि लोगों की जान को भी जोखिम में डालती हैं। इसलिए, पहाड़ी क्षेत्रों में वन संरक्षण और स्थायी विकास योजनाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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उत्तराखंड के इन आपदा प्रभावित इलाकों में प्रशासन और राहत एजेंसियों की तत्परता सराहनीय है, लेकिन हमें मिलकर ऐसे कदम उठाने होंगे जिससे भविष्य में इस तरह की आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। मैं आप सभी से अपील करता हूँ कि आपदा के समय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित रहें।

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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped businesses achieve remarkable organic growth through his strategic digital marketing approach. Deeply connected to his roots, Rishab is passionate about showcasing the rich culture, travel destinations, and traditions of Uttarakhand. His engaging content has attracted a growing readership, hitting over 10,000 visits in just two months.
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