उत्तराखंड में अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही मौसम ने अचानक करवट ले ली है। पहाड़ों से लेकर मैदानों तक बारिश, बर्फबारी और ठंडी हवाओं ने राज्य में सर्दी का आगाज कर दिया है। सोमवार को पूरे दिन कभी तेज बारिश, कभी ओले और कभी घना कोहरा छाया रहा। इससे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई, जबकि पांच जिलों — उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ — में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
देहरादून में झमाझम बारिश, तापमान में 6.5 डिग्री की गिरावट
राजधानी देहरादून में सोमवार को सुबह से ही बादल छाए रहे और दोपहर बाद तेज बारिश शुरू हो गई।
बारिश के साथ चली ठंडी हवाओं ने लोगों को सर्दी का अहसास करा दिया। मौसम विभाग के अनुसार, 24 घंटे के भीतर दून का अधिकतम तापमान 33.9°C से गिरकर 27.4°C पर पहुंच गया — यानी करीब 6.5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई।
मोहकमपुर में 9.7 मिमी, यूकॉस्ट में 12 मिमी और हाथीबड़ला में 12.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
शहर के कई इलाकों जैसे डीएल रोड, रायपुर रोड, आर्यनगर और चंद्रबनी वार्ड में बारिश के बाद जलभराव की स्थिति बन गई। कई जगहों पर सड़कें कीचड़ में तब्दील हो गईं, जिससे लोगों को यातायात में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
स्थानीय प्रशासन के कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार, पानी की निकासी के लिए नगर निगम की टीमों को भेजा गया है ताकि मुख्य मार्गों पर आवागमन प्रभावित न हो।
मसूरी में ओलावृष्टि से बढ़ी सर्दी
क्वीन ऑफ हिल्स मसूरी में सोमवार को मौसम का मिजाज कई बार बदला।
सुबह हल्की धूप के बाद दोपहर में अचानक तेज बारिश और ओले पड़ने लगे। ओलावृष्टि से सड़कों पर सफेद परत जम गई और तापमान में तेजी से गिरावट आई।
मसूरी के स्थानीय व्यापारियों के अनुसार, इस बारिश ने पर्यटन कारोबार पर अस्थायी असर डाला है, लेकिन ठंड बढ़ने से अब विंटर टूरिज्म सीजन की शुरुआत मानी जा रही है।
हालांकि, किसानों के लिए यह बारिश नुकसानदायक साबित हुई है। अधिक वर्षा और ओलावृष्टि के कारण सेब, टमाटर और सब्जियों जैसी नकदी फसलें प्रभावित हुई हैं।
बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब में जमकर बर्फबारी
उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला जारी है।
बदरीनाथ धाम में रविवार देर रात शुरू हुई बारिश सोमवार को भारी बर्फबारी में बदल गई।
नर नारायण पर्वत, नीलकंठ पीक और माणा गांव की चोटियां बर्फ से ढक गईं।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, इस समय हर दिन लगभग 6 से 7 हजार श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंच रहे हैं, लेकिन अचानक मौसम बदलने से उन्हें कड़कड़ाती ठंड और फिसलन भरे रास्तों से जूझना पड़ रहा है।
वहीं, हेमकुंड साहिब में शाम तक करीब दो इंच बर्फ जम चुकी थी और बर्फबारी जारी थी। श्रद्धालु गुरुद्वारे परिसर में बर्फ के बीच दर्शन करते नजर आए।
गौरतलब है कि हेमकुंड साहिब के कपाट 10 अक्टूबर को बंद होने जा रहे हैं, और इस बर्फबारी ने यात्रा के अंतिम दिनों को और भी खास बना दिया है।
मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक डॉ. सी.एस. तोमर ने बताया कि मंगलवार को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में भारी बारिश और 4000 मीटर से ऊपर बर्फबारी की संभावना है।
उन्होंने कहा कि इन इलाकों में 50 किमी प्रतिघंटा तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जिससे पेड़ों और बिजली के खंभों को नुकसान पहुंचने की आशंका है।
यात्रियों और स्थानीय लोगों को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
कुमाऊं क्षेत्र में भी बर्फबारी का असर, ओम पर्वत चमका बर्फ से
कुमाऊं मंडल के उच्च हिमालयी इलाकों — पिथौरागढ़, मुनस्यारी और धारचूला — में भी सोमवार को बर्फबारी हुई।
ओम पर्वत की चोटियां बर्फ से ढककर चांदी सी चमक उठीं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस बार ठंड पिछले सालों से पहले दस्तक दे रही है।
बर्फबारी के कारण तापमान में भारी गिरावट आई है और पर्यटकों ने इस अद्भुत नजारे का खूब आनंद उठाया।
निष्कर्ष — देवभूमि में सर्दियों की पहली दस्तक, ठंड और सौंदर्य का संगम
उत्तराखंड में हुई यह बारिश और बर्फबारी सर्दियों की औपचारिक शुरुआत मानी जा सकती है।
देवभूमि की चोटियां जब बर्फ की चादर से ढकती हैं तो यह दृश्य केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए आस्था और शांति का प्रतीक भी बन जाता है।
मसूरी की गलियों से लेकर बदरीनाथ की घाटियों तक, अब हर ओर सर्द हवाओं की सरसराहट और बर्फ की चमक महसूस की जा सकती है।
आने वाले दिनों में जैसे-जैसे तापमान और गिरेगा, वैसे-वैसे उत्तराखंड की खूबसूरती और बढ़ती जाएगी — क्योंकि यही तो है इस देवभूमि की असली पहचान: प्रकृति, शांति और सौंदर्य का संगम।