त्योहारी सीजन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, उत्तराखंड से दिल्ली और यूपी जाने वाले यात्रियों की परेशानियां भी बढ़ती जा रही हैं। धर्मनगरी हरिद्वार रेलवे स्टेशन, जहां से रोजाना हजारों लोग सफर करते हैं, इन दिनों यात्रियों की भारी भीड़ से जूझ रहा है। स्थिति यह है कि यहां से गुजरने वाली 72 ट्रेनों में से लगभग 60 ट्रेनों की टिकटें अगले दो महीने तक फुल हो चुकी हैं।
हरिद्वार बना भीड़ का हब
हरिद्वार न केवल धार्मिक और पर्यटन का केंद्र है, बल्कि यहां से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और यूपी की ओर बड़ी संख्या में लोग रोजाना आवाजाही करते हैं। त्योहारों के मौसम में यह संख्या सामान्य दिनों की तुलना में करीब 60 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। यही वजह है कि एडवांस टिकट बुकिंग में यात्रियों को जगह ही नहीं मिल रही।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, दून एक्सप्रेस, कुंभ एक्सप्रेस, उपासना एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और बनारस जनता एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों की बुकिंग हफ्तों पहले ही फुल हो चुकी है।
बसों में भी हाहाकार
ट्रेनों में जगह न मिलने के कारण लोग बस अड्डों की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन वहां भी स्थिति बेहतर नहीं है। बस स्टैंड पर यात्रियों की लंबी कतारें लग रही हैं और वाहनों की कमी के चलते लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। कई बार तो यात्रियों को खचाखच भरी बसों में सफर करना पड़ता है, जिससे असुविधा और भी बढ़ जाती है।
यात्रियों की जेब पर बोझ
सिर्फ असुविधा ही नहीं, यात्रियों की जेब पर भी इसका असर दिख रहा है। जब नियमित ट्रेनें और बसें फुल हो जाती हैं, तो लोग निजी टैक्सियों या अन्य वाहनों का सहारा लेने को मजबूर हो जाते हैं। इससे उनका खर्च कई गुना बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, हरिद्वार से ऋषिकेश तक पैसेंजर ट्रेन का किराया सिर्फ 10 रुपये है, जबकि सुपरफास्ट ट्रेन में यही दूरी 45 रुपये में तय करनी पड़ती है। और जब ट्रेनें फुल हो जाती हैं तो यही छोटा सफर बस या टैक्सी से कहीं ज्यादा महंगा पड़ जाता है।
रेलवे और परिवहन निगम की तैयारी
रेलवे ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त कोच लगाने और फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों को शुरू करने की घोषणा की है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक आदित्य गुप्ता का कहना है कि बढ़ती भीड़ को देखते हुए संसाधनों में इजाफा किया जा रहा है। इसी तरह उत्तराखंड परिवहन निगम ने भी यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त बसें चलाने का निर्णय लिया है। एआरएम विशाल चंद्रा ने जानकारी दी कि त्योहारों को ध्यान में रखते हुए बसों के फेरे बढ़ाए जा रहे हैं।
निष्कर्ष
त्योहारी सीजन में बढ़ी हुई भीड़ उत्तराखंड और उत्तर भारत के यात्रियों के लिए हर साल एक बड़ी चुनौती बन जाती है। हालांकि रेलवे और परिवहन निगम अतिरिक्त ट्रेनें और बसें चलाकर राहत देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन समस्या की जड़ यात्रियों की तेजी से बढ़ती संख्या है। जरूरत इस बात की है कि लंबे समय के लिए परिवहन नेटवर्क को और मजबूत किया जाए, ताकि यात्रियों को त्योहारों पर अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त खर्च और तनाव का सामना न करना पड़े।