Soldier Honor Journey Soil Collection: शहीद सैनिक सम्मान यात्रा के लिए शहीदों के आंगन से ली जाएगी मिट्टी

Rishab Gusain
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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped...
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उत्तराखंड अपनी वीरता और बलिदान की परंपरा के लिए हमेशा जाना जाता है। इस भूमि ने देश को अनगिनत वीर सपूत दिए हैं, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। इन्हीं वीर जवानों को नमन करते हुए शहीद सैनिक सम्मान यात्रा के तहत एक विशेष पहल की जा रही है। इस यात्रा के अंतर्गत शहीद सैनिकों के पैतृक घरों से मिट्टी एकत्र की जा रही है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किए जाने वाले स्मारक में स्थान मिलेगा।

पाबौ ब्लॉक के तीन गांवों से शुरू हुआ अभियान

शुक्रवार को पौड़ी कलेक्ट्रेट में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी ने हरी झंडी दिखाकर मिट्टी संग्रहण दल को रवाना किया। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष हिमानी नेगी, सीडीओ गिरीश गुणवंत, अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर करण रावत सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

दल अब विकासखंड पाबौ के तीन शहीद सैनिकों के गांवों का दौरा करेगा और वहां से मिट्टी संग्रहित करेगा। यह मिट्टी शहीदों के उस आंगन से ली जाएगी, जहां से उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की और आगे चलकर देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया।

मिट्टी का प्रतीकात्मक महत्व

भारतीय संस्कृति में मिट्टी सिर्फ जमीन का हिस्सा नहीं, बल्कि संस्कार और स्मृति का प्रतीक मानी जाती है। जब किसी शहीद के आंगन की मिट्टी को सम्मान यात्रा में शामिल किया जाता है, तो यह उनके बलिदान को राष्ट्रीय स्तर पर अमर कर देती है।
मेरे अनुसार, यह पहल युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। जब वे देखेंगे कि उनके गांव की मिट्टी को राष्ट्रीय स्मारक में स्थान मिला है, तो उनमें देशभक्ति की भावना और गहरी होगी।

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स्थानीय जनता की भावनाएं

ग्रामीण क्षेत्रों में इस यात्रा को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है। शहीद परिवारों के लिए यह गौरव का क्षण है कि उनके घर की मिट्टी पूरे देश में उनके बलिदान की कहानी कहेगी। कई बुजुर्गों ने बताया कि यह परंपरा आने वाली पीढ़ियों को भी याद दिलाएगी कि देशभक्ति केवल शब्दों तक सीमित नहीं, बल्कि बलिदान की मांग भी करती है।

निष्कर्ष

शहीद सैनिक सम्मान यात्रा सिर्फ शहीदों को श्रद्धांजलि देने का तरीका नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को यह सिखाने का अवसर है कि देश की रक्षा के लिए किए गए बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। पौड़ी से शुरू हुई यह पहल न सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणादायक संदेश देती है।

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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped businesses achieve remarkable organic growth through his strategic digital marketing approach. Deeply connected to his roots, Rishab is passionate about showcasing the rich culture, travel destinations, and traditions of Uttarakhand. His engaging content has attracted a growing readership, hitting over 10,000 visits in just two months.
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