Shipbuilding Stocks: जहाज निर्माण उद्योग को मिला ₹69725 करोड़ का पैकेज, इन शेयरों में आई तूफानी तेजी

Rishab Gusain
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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped...
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भारत का जहाज निर्माण उद्योग लंबे समय से वैश्विक स्तर पर पिछड़ रहा था, लेकिन अब सरकार ने इसे नई दिशा देने के लिए ₹69,725 करोड़ का मेगा पैकेज मंज़ूर किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस सुधार योजना पर मुहर लगाई, जिसे देश के समुद्री और रक्षा क्षेत्र की दृष्टि से ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

पैकेज की मुख्य बातें

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह पैकेज भारतीय जहाज निर्माण कंपनियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती देने के लिए तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत:

  • Ship Building Financial Assistance Policy 2.0 लागू होगी।
  • सामान्य जहाजों पर ₹100 करोड़ तक 15% सहायता मिलेगी।
  • उन्नत और विशेष जहाजों पर ₹100 करोड़ से अधिक पर 20% तक सहायता।
  • पर्यावरण अनुकूल ग्रीन शिप्स पर 25% तक की मदद दी जाएगी।
  • यह सहायता 10 साल तक लागू रहेगी।
  • शर्त यह भी है कि कम से कम 40% घरेलू सामग्री का उपयोग करना अनिवार्य होगा।

सरकार का यह कदम न केवल जहाज निर्माण उद्योग को सहारा देगा, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी बड़ा योगदान होगा।

शेयर बाज़ार की प्रतिक्रिया

कैबिनेट के फैसले के बाद जहाज निर्माण कंपनियों के शेयरों में हलचल देखी गई।

  • शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया 2.44% चढ़कर ₹228.65 पर बंद हुआ।
  • मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स 0.41% की बढ़त के साथ ₹2,952 तक पहुंचा।
  • गार्डन रीच शिपबिल्डर्स 0.60% चढ़कर ₹2,696.70 पर रहा।
  • कोचीन शिपयार्ड में शुरुआती गिरावट आई, लेकिन ₹1,878.60 पर स्थिर हुआ।
  • वहीं, जीई शिपिंग 2.09% टूटकर ₹1,020.25 पर आ गया।
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यह दिखाता है कि निवेशकों को इस सेक्टर में आने वाले समय में बड़े मौके दिख रहे हैं।

रोज़गार और निवेश की संभावनाएं

यह पैकेज केवल कंपनियों तक सीमित नहीं रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • जहाज निर्माण उद्योग में नए निवेश आएंगे।
  • उपकरण निर्माण इकाइयों को स्थानीय स्तर पर प्रोत्साहन मिलेगा।
  • अनुमान है कि इससे हज़ारों की संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।
  • भारत धीरे-धीरे एशिया के अन्य जहाज निर्माण हब जैसे चीन और दक्षिण कोरिया को चुनौती देने की स्थिति में आ सकता है।

क्यों है यह पैकेज ज़रूरी?

भारत एक विशाल समुद्री राष्ट्र है और यहाँ से बड़ी मात्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार समुद्र मार्ग से होता है। लेकिन जहाज निर्माण के मामले में हम अभी तक आत्मनिर्भर नहीं हो पाए।

  • अधिकतर जहाज विदेशों से खरीदे जाते हैं।
  • घरेलू कंपनियों की उत्पादन क्षमता सीमित है।
  • ग्रीन शिप्स जैसी तकनीक में भारत पीछे है।

इस पैकेज के ज़रिए भारत न केवल अपनी ज़रूरतें पूरी करेगा बल्कि निर्यात बढ़ाकर विदेशी मुद्रा अर्जित भी कर सकेगा।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, ₹69,725 करोड़ का यह पैकेज भारतीय जहाज निर्माण उद्योग के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped businesses achieve remarkable organic growth through his strategic digital marketing approach. Deeply connected to his roots, Rishab is passionate about showcasing the rich culture, travel destinations, and traditions of Uttarakhand. His engaging content has attracted a growing readership, hitting over 10,000 visits in just two months.
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