भारतीय शेयर बाजार इस हफ्ते दबाव में दिखाई दे रहा है। लगातार पाँचवें दिन सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स 600 अंकों तक लुढ़क गया और निफ्टी ने भी कमजोरी दिखाई।
सुबह की शुरुआत और दिनभर का उतार-चढ़ाव
आज सुबह बाजार लाल निशान पर खुला। सेंसेक्स 81,574 अंकों पर और निफ्टी 25,034 के स्तर पर खुला। हालांकि शुरुआती कारोबार के कुछ मिनटों में ही सेंसेक्स 81,802 तक पहुंच गया और निफ्टी 25,079 के लेवल पर ट्रेड करने लगा। लेकिन इसके बाद बिकवाली हावी रही और दोनों प्रमुख इंडेक्स फिर से गिरावट में चले गए।
- कारोबार के दौरान सेंसेक्स 81,216 तक फिसल गया।
- निफ्टी भी 24,901 तक लुढ़क गया।
दोपहर तक सेंसेक्स लगभग 242 अंक टूटकर 81,473 पर और निफ्टी 79 अंक नीचे 24,977 पर ट्रेड करता दिखा।
टॉप गेनर्स और लूजर्स
आज के कारोबार में कुछ चुनिंदा शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया। निफ्टी गेनर्स की लिस्ट में बीईएल, हिंडाल्को, ग्रासिम, ओएनजीसी और अपोलो हॉस्पिटल्स शामिल रहे।
वहीं, टॉप लूजर्स में टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, ट्रेंट, टाइटन और डॉक्टर रेड्डी जैसी बड़ी कंपनियां रहीं।
गिरावट के पीछे की वजह
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस कमजोरी के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारण जिम्मेदार हैं:
- वैश्विक बाजारों का दबाव – अमेरिकी शेयर बाजार (वॉल स्ट्रीट) लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। डॉव जोंस, नैस्डैक और एसएंडपी 500 सभी इंडेक्स लाल निशान में रहे। इसका असर एशियाई बाजारों और फिर भारतीय बाजार पर भी पड़ा।
- एशियाई मार्केट का मिला-जुला रुख – जापान का निक्केई और दक्षिण कोरिया का कोस्पी कमजोर बंद हुए, जबकि हांगकांग हैंगसेंग इंडेक्स फ्यूचर्स में भी कमजोरी दिखी।
- गिफ्ट निफ्टी का संकेत – गिफ्ट निफ्टी 25,065 के आसपास कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद भाव से नीचे था। यह भारतीय बाजार की कमजोर शुरुआत का इशारा कर रहा था।
अन्य कारक जिनका असर
- आरबीआई का मासिक बुलेटिन: इसमें कहा गया कि जीएसटी सुधारों का असर धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था पर दिखेगा, जिससे महंगाई पर काबू और खपत में सुधार संभव है।
- सोने की कीमतें: सोने में तेजी आई है। निवेशकों को उम्मीद है कि अमेरिका ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
- कच्चा तेल: तेल की कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई क्योंकि हाल ही में इसमें तेजी आने के बाद निवेशकों ने मुनाफा वसूली की।
निवेशकों के लिए संदेश
लगातार हो रही गिरावट ने छोटे और रिटेल निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। हालांकि बाजार विश्लेषक मानते हैं कि यह उतार-चढ़ाव बाजार का सामान्य हिस्सा है। जिन निवेशकों का नजरिया लंबी अवधि का है, उनके लिए यह गिरावट एक अवसर (opportunity) भी हो सकती है। मजबूत कंपनियों के शेयर इस समय अपेक्षाकृत कम दामों पर मिल सकते हैं।
निष्कर्ष
शेयर बाजार में इस समय गिरावट का दौर है, लेकिन यह निवेशकों के लिए घबराने का समय नहीं बल्कि समझदारी से निर्णय लेने का समय है। वैश्विक बाजारों से मिल रहे नकारात्मक संकेत फिलहाल दबाव बना रहे हैं, पर भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए आने वाले समय में रिकवरी की पूरी उम्मीद है।