टीईटी पर SC जाएगी धामी सरकार, महाराष्ट्र पर आए एक फैसले से बैचेन थे 18000 शिक्षक

Rishab Gusain
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उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। धामी सरकार ने प्रदेश के 18 हजार बेसिक शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट में टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) अनिवार्यता मामले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है। यह फैसला न केवल शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करेगा, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी स्थिरता लाने का काम करेगा।

क्या है पूरा मामला?

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में महाराष्ट्र के एक मामले में सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि बेसिक शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य होगी। इस आदेश के बाद उत्तराखंड के हजारों शिक्षक चिंता में पड़ गए थे। इनमें से कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें 2011 से पहले तैनात किया गया था या फिर शिक्षा मित्र से बेसिक शिक्षक के पद पर समायोजित किया गया।

हालांकि कोर्ट ने उन शिक्षकों को राहत दी, जिनके रिटायरमेंट में पांच साल से कम का समय बचा है। बाकी शिक्षकों को दो साल के भीतर टीईटी पास करने का मौका दिया गया। अगर वे ऐसा नहीं कर पाए, तो उनकी नौकरी पर संकट आ सकता है। यही नहीं, उनकी पदोन्नति की राह भी रुक सकती है।

धामी सरकार का फैसला

मंगलवार को हुई धामी कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। खास बात यह है कि यह विषय एजेंडे में शामिल नहीं था, लेकिन शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इसे शिक्षकों की चिंता और जनहित को देखते हुए सामने रखा।

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कैबिनेट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का फैसला किया। इससे उन 18 हजार शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है, जो लंबे समय से असमंजस में थे।

शिक्षकों के लिए राहत क्यों जरूरी?

उत्तराखंड में बेसिक शिक्षा विभाग की नींव ग्रामीण इलाकों पर टिकी हुई है। पहाड़ों में काम कर रहे अधिकांश शिक्षक लंबे समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अगर अचानक से इनकी नौकरी पर संकट खड़ा हो जाता, तो शिक्षा व्यवस्था पर सीधा असर पड़ता।

साथ ही, कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने वर्षों तक शिक्षा मित्र के तौर पर काम किया और बाद में बेसिक शिक्षा में समायोजित हुए। ऐसे में धामी सरकार का यह कदम न केवल शिक्षकों को राहत देगा बल्कि विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित नहीं होगी।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट में धामी सरकार की यह पुनर्विचार याचिका दाखिल करना 18 हजार शिक्षकों के लिए उम्मीद की किरण है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर क्या फैसला सुनाता है। लेकिन फिलहाल, उत्तराखंड के शिक्षकों के चेहरों पर सुकून और राहत साफ झलक रही है।

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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped businesses achieve remarkable organic growth through his strategic digital marketing approach. Deeply connected to his roots, Rishab is passionate about showcasing the rich culture, travel destinations, and traditions of Uttarakhand. His engaging content has attracted a growing readership, hitting over 10,000 visits in just two months.
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