उत्तराखंड की प्रसिद्ध केदारनाथ यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था और विश्वास का केंद्र होती है। लेकिन जैसे-जैसे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे साइबर अपराधियों की नज़र भी इस यात्रा पर टिक गई है। हाल ही में एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां गुजरात के एक श्रद्धालु से हेलीकॉप्टर सेवा के नाम पर लगभग दो लाख रुपये की ठगी कर ली गई।
सोशल मीडिया बना ठगी का नया हथियार
शिकायतकर्ता सूर्यप्रकाश मिश्रा (निवासी सूरत, गुजरात) ने पुलिस को बताया कि उन्होंने फेसबुक पर पवनहंस हेलीकॉप्टर सेवा का एक विज्ञापन देखा। लिंक पर क्लिक करने के बाद उन्हें एक व्हाट्सएप नंबर मिला, जहां पर टिकट बुकिंग की बात हुई। ठगों ने विश्वास जीतते हुए पूरे 32 यात्रियों के लिए टिकट कंफर्म करने का दावा किया।
इस भरोसे में आकर सूर्यप्रकाश ने 1,91,812 रुपये बताए गए खाते में जमा करा दिए। लेकिन इसके बाद न तो टिकट मिला और न ही कॉल रिसीव हुई। ठगी का अहसास होने पर उन्होंने गुप्तकाशी थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
शिकायत के बाद पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे के निर्देशन में साइबर सेल और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त जांच शुरू की। आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और सोशल मीडिया लिंक की गहन निगरानी की गई।
जांच के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनके पास से
- 6 मोबाइल फोन,
- 18 बैंक खाते,
- 1 एटीएम कार्ड
- और करीब 3 लाख रुपये की राशि फ्रीज की गई।
आरोपियों की पहचान
- आकर्षण गुप्ता, उम्र 18 वर्ष, निवासी नवादा, बिहार
- अनन्त कुमार सिंह, उम्र 25 वर्ष, निवासी मयूरगंज, उड़ीसा
- सौभाग्य शेखर महन्तो, उम्र 26 वर्ष, निवासी मयूरभंज, उड़ीसा
- दौलागोबिन्दा बाघा, उम्र 24 वर्ष, निवासी बौद्ध, उड़ीसा
पुलिस का कहना है कि इनसे और भी पूछताछ की जाएगी तथा ठगों के नेटवर्क पर आगे कड़ी कार्रवाई होगी।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहला मौका नहीं है जब केदारनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी हुई हो। हर साल यात्रा शुरू होते ही सोशल मीडिया और इंटरनेट पर फर्जी वेबसाइट्स और फर्जी बुकिंग पोर्टल्स सक्रिय हो जाते हैं। कई बार श्रद्धालु आधिकारिक स्रोतों की जानकारी न होने की वजह से ठगों के जाल में फंस जाते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग से पहले हमेशा आधिकारिक सरकारी पोर्टल या अधिकृत कंपनियों की वेबसाइट से ही बुकिंग करनी चाहिए।
निष्कर्ष
केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं के साथ हुई ठगी एक गंभीर चेतावनी है। पुलिस की कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा को और मजबूत करना बेहद जरूरी है। साथ ही, यात्रियों को भी सजग रहना होगा और बिना जांच-पड़ताल किए किसी लिंक या कॉल पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
आस्था की इस यात्रा को सुरक्षित और सुखद बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।