उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ और औली के बीच एक नई रोपवे परियोजना को लेकर बड़ी प्रगति हुई है। पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में अब एक नया, अत्याधुनिक रोपवे दो चरणों में बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई लगभग 4.5 किलोमीटर और लागत करीब 480 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। ब्रिज, रोपवे, टनल एंड अदर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (ब्रिडकुल) ने इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर राज्य सरकार को सौंप दी है। शासन की स्वीकृति के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
पहले चरण में यह रोपवे जोशीमठ में पुराने रोपवे के टावर नंबर-3 के पास से शुरू होकर औली तक जाएगा, जिसकी लंबाई लगभग 2.76 किलोमीटर होगी। इसमें 11 टावर लगाए जाएंगे और पुरानी ट्रॉली की जगह आधुनिक गोंडोला सिस्टम लागू किया जाएगा, जिसमें प्रति गोंडोला 6 से 7 यात्रियों की क्षमता होगी। कुल 21 गोंडोला लगाए जाने का प्रस्ताव है।
दूसरे चरण में यह रोपवे औली से गौरसों तक बढ़ाया जाएगा, जिसकी लंबाई 1.85 किलोमीटर होगी और इसमें 7 टावर और 9 गोंडोला प्रस्तावित हैं। यह पूरा रोपवे सिस्टम एक घंटे में लगभग 500 यात्रियों को सफर कराने में सक्षम होगा, जिससे औली के पर्यटन को नया जीवन मिलेगा।
गौरतलब है कि जनवरी 2023 में जोशीमठ में भूधंसाव की घटना सामने आई थी, जिसने पुराने रोपवे को भी प्रभावित किया था। उसके पहले और दूसरे टावर के पास दरारें आ गई थीं, जिसके कारण इसका संचालन बंद कर दिया गया था। इस संकट के बाद सरकार ने ब्रिडकुल को नई परियोजना के लिए संभावनाएं तलाशने को कहा और अब उसका परिणाम सामने आ चुका है।
जोशीमठ और औली के बीच चलने वाला पुराना रोपवे वर्ष 1984-85 में बनाया गया था, जिसने लगभग 39 वर्षों तक सेवा दी और लाखों पर्यटकों को आकर्षित किया। अब उसके स्थान पर आधुनिक तकनीक से सुसज्जित नया रोपवे बनने जा रहा है, जो न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक नई उम्मीद लेकर आएगा।