उत्तराखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: महिला प्रत्याशी की पंचायत चुनाव में अयोग्यता पर लगाई रोक, कहा– ‘यह दुर्भावना से किया गया फैसला’
देहरादून: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को टिहरी गढ़वाल जिले के उदवखंड में ग्राम प्रधान पद की उम्मीदवार एक महिला की अयोग्यता पर रोक लगाते हुए बड़ा फैसला सुनाया। यह अयोग्यता उस कानून के तहत लगाई गई थी, जो पंचायत चुनाव लड़ने के लिए घर में शौचालय होना अनिवार्य करता है। हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई को “मनमाना और दुर्भावनापूर्ण” बताते हुए इसे एक “malfeasance” यानी सत्ता का दुरुपयोग करार दिया।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने पाया कि महिला प्रत्याशी के घर से करीब 150 मीटर की दूरी पर शौचालय बना हुआ है। कोर्ट ने कहा कि गांवों में सफाई और सुविधा के कारण अक्सर शौचालय घर से थोड़ी दूरी पर बनाए जाते हैं – यह कोई असामान्य बात नहीं है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिजय नेगी ने तर्क दिया कि न तो महिला को शिकायत की कोई कॉपी दी गई और न ही उसे अपनी बात रखने का मौका मिला, जबकि गांव के पंचायत विकास अधिकारी ने जांच में पुष्टि की थी कि शौचालय बना हुआ है। कोर्ट ने कहा कि तस्वीरें स्पष्ट रूप से दिखाती हैं कि शौचालय वहां मौजूद है।
कोर्ट ने कहा, “यह एक स्पष्ट मामला है जिसमें अधिकारी ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया है – संभवतः किसी पसंदीदा उम्मीदवार को लाभ पहुंचाने के लिए।”
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता संजय भट्ट ने दलील दी कि शौचालय घर के भीतर होना चाहिए, और संविधान का अनुच्छेद 243-O(b) पंचायत चुनाव को अदालत में चुनौती देने से रोकता है। इस पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह याचिका चुनाव नहीं, बल्कि अवैध नामांकन खारिज करने के खिलाफ है। किसी प्रत्याशी को मनमाने तरीके से चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित करना असंवैधानिक है।
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर याचिकाकर्ता को चुनाव चिह्न आवंटित करे, नाम बैलेट पेपर पर शामिल किया जाए और उसे ग्राम प्रधान पद के चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए।
साथ ही, कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को मामले की जांच कर 11 अगस्त तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के 12 जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में पंचायत चुनाव तीन चरणों में हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान 24 जुलाई, दूसरा चरण 28 जुलाई को होगा, और मतगणना 31 जुलाई को की जाएगी। इन चुनावों में कुल 4.77 मिलियन से अधिक मतदाता 55,587 ग्राम पंचायत सदस्य, 7,499 ग्राम प्रधान, 2,974 बीडीसी सदस्य और 358 जिला पंचायत सदस्य चुनेंगे। पिछले पंचायत चुनावों की तुलना में इस बार मतदाताओं की संख्या में 10.57% की वृद्धि दर्ज की गई है।