गुरुग्राम का युवक बना फर्जी एमडी, ₹3.20 करोड़ की साइबर ठगी में उत्तराखंड STF ने किया गिरफ्तारफर्जी दस्तावेज़ों और बैंक खातों से ठगी; MHA की I4C यूनिट की तकनीकी मदद से कार्रवाई
उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले में हरियाणा के गुरुग्राम से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को एक कंपनी का फर्जी प्रबंध निदेशक (MD) बताकर करीब ₹3.20 करोड़ की ठगी की। इस मामले में पहले एक अन्य आरोपी को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया जा चुका है।
STF के मुताबिक, इस ऑपरेशन में गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की तकनीकी मदद ली गई। आरोपी ने व्हाट्सएप के ज़रिए पीड़ित से संपर्क किया और एक फर्जी प्रोजेक्ट की जानकारी देकर एडवांस के रूप में ₹1.95 करोड़ एक कंपनी के खाते में ट्रांसफर करवाए। जांच में सामने आया कि आरोपी ने कई फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल करते हुए कुल ₹3.20 करोड़ की ठगी की।
बरामदगी:
पुलिस ने आरोपी के पास से 9 चेकबुक, 5 पासबुक, 2 पैन कार्ड, 2 एटीएम कार्ड, 3 स्वाइप मशीन, 1 क्यूआर कोड मशीन, 1 फिंगरप्रिंट स्कैनर, एक डेल लैपटॉप, 2 जियो राउटर और एक मोबाइल फोन बरामद किया है। साथ ही फर्जी आधार और पैन कार्ड की प्रतियां, खाता खोलने के फॉर्म, पार्टनरशिप डीड और ट्रांजैक्शन की कॉपियां भी मिली हैं।
STF का कहना है कि आरोपी ने कुछ ही महीनों में करोड़ों रुपये की लेन-देन फर्जी पहचान के ज़रिए की और लोगों को खुद को किसी कंपनी का वरिष्ठ अधिकारी बताकर गुमराह किया।
सार्वजनिक अपील:
STF के SSP नवीन सिंह ने आम जनता से अपील की है कि वे फर्जी नौकरी के ऑफर, ऑनलाइन निवेश योजनाओं और सोशल मीडिया पर हो रही ठगी से सतर्क रहें।
इस गिरफ्तारी में इंस्पेक्टर त्रिभुवन रौतेला, सब-इंस्पेक्टर राहुल कपरी, हेड कांस्टेबल पवन कुमार और कांस्टेबल केतन बिष्ट शामिल रहे।