उधम सिंह नगर पुलिस ने एक 14 वर्षीय हिंदू नाबालिग लड़की को सकुशल बरामद कर लिया है, जो लगभग एक महीने से लापता थी। यह मामला कथित ‘लव जिहाद’ से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है, जिससे स्थानीय हिंदुत्व संगठनों में आक्रोश फैल गया था और इलाके में चिंता का माहौल बन गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मणिकांत मिश्रा के अनुसार, इस मामले में मुख्य आरोपी दानिश अली (21 वर्ष), जो रामनगर का निवासी है और केलाखेड़ा थाने के अंतर्गत आता है, को कल गिरफ्तार कर लिया गया। नाबालिग लड़की को सुरक्षित बरामद कर लिया गया है।
मामला पहली बार 28 अप्रैल को सामने आया था, जब केलाखेड़ा थाने के अंतर्गत आने वाले गांव बरवाला निवासी कृपाल सिंह ने अपनी 14 वर्षीय बेटी के अचानक गायब हो जाने की लिखित शिकायत दी थी। इस शिकायत के आधार पर केलाखेड़ा थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 140(3) के तहत प्राथमिकी संख्या 57/2025 दर्ज की गई थी।
एसएसपी मिश्रा ने मीडिया को बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए चार विशेष पुलिस टीमों का गठन किया गया, जिन्हें एसओजी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप), सर्विलांस और साइबर सेल का सहयोग प्राप्त हुआ। जांच में तकनीकी और पारंपरिक दोनों तरीकों का सहारा लिया गया।
पुलिस टीमों ने लगभग 80 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच की, जो संभावित रास्तों को कवर करते थे। साथ ही, संदेहास्पद लोगों, पीड़िता और उनके परिवारजनों के लगभग 75 मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच की गई। संदिग्ध नंबरों से जुड़े लोगों से पूछताछ कर जांच को सही दिशा मिली।
साइबर सेल ने आरोपी और नाबालिग लड़की के स्नैपचैट, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, ईमेल आईडी और आधार नंबर की गहन जांच की। इसके साथ ही डिजिटल लेन-देन, यात्रा बुकिंग और होटलों में चेक-इन की भी जानकारी जुटाई गई, जो आरोपी के मोबाइल नंबर या आधार से जुड़ी थीं।
प्राप्त सुरागों के आधार पर पुलिस ने उत्तराखंड के कई जिलों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु और मध्य प्रदेश में भी छापेमारी की। यह बहु-राज्यीय अभियान पुलिस की गंभीरता और तत्परता को दर्शाता है। चूंकि लड़की नाबालिग थी, इसलिए जांच को उच्च प्राथमिकता दी गई।
कल पुलिस ने आरोपी दानिश और लापता नाबालिग लड़की को खोज निकाला। आरोपी को BNS की धारा 137(2), 84, 64(2) और पॉक्सो एक्ट की धारा 5/6 के तहत गिरफ्तार किया गया। लड़की को आवश्यक मेडिकल और कानूनी प्रक्रिया के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने SHO केलाखेड़ा और उनकी टीम को ₹10,000 और साइबर सेल टीम को ₹5,000 के नकद इनाम की घोषणा की है। पुलिस ने आश्वस्त किया है कि आगे भी गहन जांच जारी रहेगी ताकि सभी दोषियों को सख्त सजा मिल सके।
उत्तराखंड में कथित ‘लव जिहाद’ के मामलों पर लगातार बहस होती रही है। राज्य सरकार ने ऐसे मामलों के खिलाफ सख्त कानून बनाए हैं और तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित की है। दिसंबर 2022 में, उत्तराखंड सरकार ने फ्रीडम ऑफ रिलिजन (संशोधन) विधेयक पारित किया था, जिसमें जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन और सामूहिक धर्मांतरण को लेकर नियम और भी सख्त कर दिए गए थे।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने भी राज्य पुलिस बलों को परामर्श जारी किया है कि नाबालिग लड़कियों के अपहरण या शोषण के मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
लड़की की बरामदगी के बाद, स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने राहत जताई और पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। साथ ही, उन्होंने ऐसे मामलों की सख्त निगरानी और नाबालिग बच्चों को इस तरह की घटनाओं से बचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने की मांग की है।