16 मार्च को देहरादून के मातावाला बाग स्थित ऐतिहासिक हनुमान मंदिर और अखाड़े को गिराए जाने के खिलाफ स्थानीय लोग और मातावाला बाग हनुमान मंदिर संघर्ष समिति के सदस्य रविवार को गांधी पार्क, राजपुर रोड पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर बैठे।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यह तोड़फोड़ असामाजिक तत्वों ने की है, जिन्होंने वाल्मीकि समाज के खिलाफ जातिसूचक गालियाँ भी दीं। पहलवान अमन स्वेडिया और गोपाल कृष्ण सहित कई लोग इस विरोध में शामिल हुए। दो महीने पहले पुलिस में शिकायत दी गई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि पहले प्रशासन द्वारा जांच का आश्वासन दिया गया था।
मातावाला बाग का अखाड़ा गुरु राम राय दरबार साहिब की संपत्ति से जुड़ा है, जहाँ 1990 से पहलवानों की ट्रेनिंग होती रही है। यहाँ के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। पास ही स्थित हनुमान मंदिर नशा मुक्ति अभियान और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र भी रहा है।
स्थानीय लोग पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और शक्तिशाली लोगों के प्रभाव में प्रशासन द्वारा आंख मूंदने को लेकर भी नाराज़ हैं। पहले भी पेड़ों की कटाई और प्रवेश शुल्क लगाने के खिलाफ विरोध हुआ था। अप्रैल में हुई SSP कार्यालय बैठक में तय हुआ था कि कोर्ट के फैसले तक मातावाला बाग में प्रवेश सीमित रहेगा।
हालांकि दरबार साहिब अब भी इस संपत्ति का मालिक है और पहलवानों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है, लेकिन प्रदर्शनकारियों की मांग है कि दोषियों पर तुरंत कार्रवाई हो और जातिसूचक गालियों के आरोपों की जांच हो। वे चेतावनी दे रहे हैं कि यदि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो विरोध और तेज़ किया जाएगा।