केदारनाथ धाम में जून महीने में हो रही बर्फबारी ने सभी को चौंका दिया है। आमतौर पर गर्मी के मौसम में जब देश के बाकी हिस्सों में तापमान चरम पर होता है, तब केदारनाथ धाम में लगातार दूसरे दिन हुई भारी बर्फबारी ने यहां आए श्रद्धालुओं को ठिठुरा दिया। मंगलवार के बाद बुधवार को भी केदारनाथ की वादियों में सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला हुआ नजर आया और करीब सुबह 10 बजे से शुरू हुई बर्फबारी ढाई घंटे तक चलती रही। इस बर्फबारी के चलते तापमान शून्य से नीचे चला गया, जिससे तीर्थयात्रियों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ा।
श्रद्धालुओं ने हालांकि इस असामान्य मौसम का भरपूर आनंद उठाया। कई लोगों ने पहली बार अपने जीवन में बर्फबारी देखी और अनुभव किया। मंदिर परिसर और आसपास की पहाड़ियों पर बर्फ की चादर बिछ गई, हालांकि धाम क्षेत्र में बर्फ अधिक देर तक टिक नहीं सकी और पिघल गई। इसके बावजूद भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। वे बर्फबारी के बीच ही लाइन में खड़े होकर भोले बाबा के दर्शन के लिए इंतजार करते रहे।
बर्फबारी के कारण हेली सेवाएं भी प्रभावित हुईं। मौसम की खराबी के चलते हेलीकॉप्टर उड़ानें रुक-रुक कर संचालित हो रही हैं, जिससे यात्रियों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ठंड इतनी बढ़ गई है कि यात्रियों को भारी गर्म कपड़े पहनने पड़े। केदारनाथ धाम ही नहीं, बल्कि रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय और अन्य आसपास के क्षेत्रों में भी बारिश के कारण मौसम ठंडा हो गया है, और ऊंचाई वाले इलाकों में लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने लगे हैं।
केदारपुरी की पहाड़ियों पर बर्फबारी के इस दृश्य ने भक्तों को प्रकृति की एक अनूठी झलक दी, जो शायद हमेशा उनकी यादों में ताजा रहेगा। जून जैसे गर्म महीने में केदारनाथ धाम में हो रही बर्फबारी एक दुर्लभ घटना है, जो प्रकृति के अनिश्चित व्यवहार की एक मिसाल बन गई है। मौसम विभाग ने भी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम के और खराब रहने की संभावना जताई है, ऐसे में प्रशासन ने यात्रियों से सावधानी बरतने की अपील की है।