उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का शुभारंभ इस वर्ष 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ हुआ। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। तीर्थयात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसी बीच केदारनाथ यात्रा मार्ग से एक गंभीर और चिंताजनक खबर सामने आई है।
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घोड़े-खच्चरों की मौत पर 24 घंटे का प्रतिबंध
Char Dham 2025: केदारनाथ यात्रा में बड़ी संख्या में घोड़े और खच्चर श्रद्धालुओं को यात्रा मार्ग पर लाने-ले जाने में इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन हाल ही में इन जानवरों की लगातार मौत की घटनाएं सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक कुल 14 घोड़े-खच्चरों की मौत की पुष्टि हुई है — पहले 6 और फिर एक ही दिन में 8 और। इसके चलते प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 24 घंटे के लिए घोड़ों और खच्चरों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पशुपालन विभाग के सचिव बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम ने बताया कि मौतों के पीछे की वजह जानने के लिए जांच जारी है और केंद्र सरकार से एक विशेष टीम केदारनाथ भेजी जा रही है।
हेलीकॉप्टर सेवा बनी विकल्प
इन घटनाओं के बीच, 1 मई से शुरू हुई हेलीकॉप्टर सेवा तीर्थयात्रियों के लिए एक राहत का विकल्प बनकर सामने आई है।
उत्तराखंड के सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर शटल सेवाएं प्रतिदिन संचालित हो रही हैं।
हेली ऑपरेटर पवन राणा ने जानकारी दी कि:
- IRCTC पर ऑनलाइन टिकट बुकिंग उपलब्ध है।
- ऑफलाइन टिकट जिला मजिस्ट्रेट या सेक्टर मजिस्ट्रेट के माध्यम से मिल रहे हैं।
- हर रोज 20 से 30 शटल सेवाएं उड़ान भर रही हैं, जिनसे 150 से अधिक तीर्थयात्रियों को सेवा दी जा रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि हेली सेवा पूरी तरह मौसम पर निर्भर करती है। खराब मौसम होने पर टिकट रद्द किए जा रहे हैं और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने की यात्रा व्यवस्था की समीक्षा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने के दिन स्वयं धाम पहुंचकर दर्शन किए और यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सरकार चारधाम यात्रा को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि:
- यमुनोत्री धाम के लिए एक विशेष मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
- चारधाम यात्रा रूट पर बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क, जल, चिकित्सा और शौचालय जैसी व्यवस्थाओं को बेहतर किया गया है।
निष्कर्ष
एक ओर जहां केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं, वहीं घोड़े-खच्चरों की मौत ने प्रशासन और तीर्थ यात्रियों के लिए एक नई चिंता खड़ी कर दी है। जांच के नतीजों के बाद ही स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाए जा सकेंगे। तब तक, हेली सेवाएं यात्रियों के लिए प्रमुख विकल्प बनी हुई हैं।