उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के किच्छा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां आपसी रंजिश और मामूली कहासुनी के चलते कुछ दबंगों ने एक युवक को अगवा कर उसके साथ अमानवीय हरकतें कीं। पीड़ित के अनुसार, न केवल उसे बुरी तरह पीटा गया बल्कि अपमानित करने के लिए पेड़ से बांधकर पेशाब पिलाने जैसी घिनौनी हरकत भी की गई। यह घटना न सिर्फ स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुकी है।
घटना कैसे घटी
ग्राम शिमला पिस्तौर, रुद्रपुर निवासी पीड़ित युवक ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह 20 अक्तूबर 2024 को किसान उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, लालपुर के सामने अपने मित्र के साथ घर जाने के लिए ऑटो रिक्शा का इंतजार कर रहा था। इसी दौरान उसका फोन पर किसी से मामूली विवाद हुआ। इसी बात को लेकर पुराने रंजिश रखने वाला पवन मजूमदार अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा।
आरोप है कि पवन मजूमदार (पुत्र कैलाश) अपने साथ प्रकाश मौर्या (पुत्र हरीश मौर्या), रामौतार मौर्या (पुत्र ओमपाल मौर्या), शिवम, सलमान और दो अन्य युवकों के साथ बाइकों पर सवार होकर आया और पीड़ित पर हमला कर दिया। पहले तो पवन ने युवक को गालियां दीं और थप्पड़ मारे, इसके बाद सभी ने मिलकर उसे जबरन बाइक पर बैठाकर सुनसान इलाके की ओर ले गए।
अपहरण और क्रूरता
पीड़ित का कहना है कि जब उसने शोर मचाया तो पवन ने उसके मुंह में तमंचा डालकर गोली मारने की धमकी दी। डर के कारण उसने विरोध करना छोड़ दिया। इसके बाद आरोपियों ने उसे लालपुर महराया रोड के पास स्थित बंगाली कॉलोनी के खेतों में ले जाकर पेड़ से बांध दिया। यहां उस पर बेरहमी से पिटाई की गई और घटना की वीडियो भी बनाई गई।
मामला यहीं नहीं रुका। आरोप है कि पवन ने पीड़ित के मुंह पर पेशाब किया और जब उसने मुंह नहीं खोला तो जूते में पेशाब भरकर जबरन पिलाया। यह सुनकर किसी का भी दिल दहल सकता है, क्योंकि यह महज पिटाई नहीं बल्कि मानवता को शर्मसार करने वाली कृत्य है। शोर सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंचे और पीड़ित को छुड़ाया।
पुलिस की कार्रवाई
शनिवार शाम पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने पवन मजूमदार और उसके साथियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक दृष्टिकोण
किच्छा जैसे इलाके, जहां किसान और आम लोग अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में व्यस्त रहते हैं, वहां इस तरह की घटनाएं समाज को झकझोर देती हैं। यह साफ दिखाता है कि दबंगई और पुरानी रंजिश किस हद तक खतरनाक रूप ले सकती है। सबसे दुखद पहलू यह है कि इंसानियत को तार-तार करने वाली इस हरकत को अंजाम देने वाले उसी समाज के लोग हैं जिनसे सुरक्षा और भाईचारे की उम्मीद की जाती है।
निष्कर्ष
किच्छा की यह घटना मानवता पर गहरी चोट है। मामूली विवाद के नाम पर एक युवक को पेड़ से बांधकर मारपीट करना और पेशाब पिलाना सिर्फ अपराध नहीं बल्कि इंसानियत के खिलाफ जघन्य कृत्य है। अब जिम्मेदारी पुलिस और न्याय व्यवस्था की है कि वे दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाकर समाज में कानून और इंसानियत पर विश्वास कायम करें।