हल्द्वानी। उत्तराखंड में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाने और पर्यावरणीय मानकों का पालन सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। उत्तराखंड परिवहन निगम (UTC) आगामी दो से तीन महीनों में 100 नई बसें बेड़े में शामिल करने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद यह निर्णय लिया गया है, जिसके तहत पुराने और जर्जर हो चुके वाहनों को चरणबद्ध रूप से सेवा से बाहर किया जाएगा।
परिवहन निगम की प्रबंध निदेशक रीना जोशी ने हल्द्वानी में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि निगम के मौजूदा बेड़े में शामिल कई बसें वर्ष 2016 से 2019 के बीच निर्मित की गई थीं और अब अपनी सेवा अवधि पार कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि यात्री सुरक्षा, सुविधा और पर्यावरणीय नियमों के अनुपालन को ध्यान में रखते हुए इन बसों को नए वाहनों से बदला जाएगा।
सीएम धामी की पहल, अब तक 130 बसें खरीदी जा चुकीं
रीना जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की परिवहन व्यवस्था को सशक्त और समयानुकूल बनाने को लेकर सक्रियता का यह परिणाम है। उनके नेतृत्व में पहले ही 130 नई बसों की खरीद हो चुकी है, और अब अतिरिक्त 100 बसें बेड़े में जुड़ेंगी, जिससे सेवा की विश्वसनीयता और दक्षता दोनों में सुधार होगा।
स्टाफ की कमी भी जल्द होगी दूर
जोशी ने बताया कि ड्राइवर और कंडक्टर की कमी को देखते हुए अस्थायी रूप से आउटसोर्सिंग व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन अब स्थायी भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है ताकि निगम के सभी डिपो में मानवीय संसाधनों की कमी पूरी हो सके।
हल्द्वानी बस स्टेशन का निरीक्षण, यात्री सुविधाओं को लेकर निर्देश
हल्द्वानी रोडवेज बस स्टेशन के निरीक्षण के दौरान जोशी ने यात्री प्रतीक्षालयों और साफ-सफाई की स्थिति की समीक्षा की और सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी त्योहार और पर्यटन सीज़न को देखते हुए यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देना अनिवार्य है।
नवंबर 2025 से दिल्ली-एनसीआर में BS-IV बसों पर रोक, fleet modernization बनी अनिवार्यता
रीना जोशी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय केवल गुणवत्ता सुधार नहीं, बल्कि नियामकीय आवश्यकता भी है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 1 नवंबर 2025 से भारत स्टेज-IV (BS-IV) डीजल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लागू होने जा रहा है। ऐसे में उत्तराखंड की BS-IV डीजल बसें अब दिल्ली व अन्य इंटर-स्टेट मार्गों पर नहीं चल सकेंगी।
इस संदर्भ में निगम को अपने बेड़े का शीघ्र नवीनीकरण करना जरूरी हो गया है ताकि राज्य से दिल्ली, एनसीआर, उत्तर प्रदेश और अन्य सीमावर्ती राज्यों के लिए सुचारु बस सेवाएं जारी रह सकें।
बेहतर सेवा, कम ब्रेकडाउन की उम्मीद
उत्तराखंड परिवहन निगम राज्य के पहाड़ी और मैदानी इलाकों को जोड़ने वाली प्रमुख बस सेवाएं संचालित करता है। नए वाहनों के शामिल होने से ब्रेकडाउन की घटनाओं में कमी, सेवा की समयबद्धता, और यात्रियों की संतुष्टि में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। विशेष रूप से दिल्ली, एनसीआर और लखनऊ जैसे उच्च मांग वाले मार्गों पर यह बड़ा सुधार माना जा रहा है।उत्तराखंड में परिवहन व्यवस्था अब केवल सुविधा का विषय नहीं रही, बल्कि वायु प्रदूषण नियंत्रण और सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक सुधारों की ओर बढ़ रही है। नई बसों की यह खेप न केवल यात्रियों को राहत देगी, बल्कि राज्य को पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का पालन करने में भी मदद करेगी।