Mother Wields Machete To Fight Leopard: मां बनी दुर्गा, दरांती लेकर आदमखोर से जा भिड़ी; तेंदुए के मुंह से बेटी को बाहर खींचा

Rishab Gusain
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उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में इंसान और जंगली जानवरों का टकराव कोई नई बात नहीं है, लेकिन पौड़ी गढ़वाल जिले की यह घटना साहस और मातृत्व का ऐसा उदाहरण पेश करती है, जो लंबे समय तक लोगों को प्रेरित करेगी। यहां एक मां ने तेंदुए जैसे खतरनाक शिकारी से भिड़कर अपनी बेटी को मौत के मुंह से बाहर खींच लिया।

जंगल में घास लेने गई बेटी पर तेंदुए का हमला

गढ़वाल वन प्रभाग की पोखड़ा रेंज के हलूणी गांव में रविवार सुबह की यह घटना है। बचन सिंह की पुत्री प्रियंका अपनी मां और गांव की अन्य महिलाओं के साथ जंगल में घास लेने गई थी। पहाड़ी क्षेत्रों में महिलाओं का जंगल जाकर घास और लकड़ी लाना रोजमर्रा की जिम्मेदारी होती है।

इसी दौरान घात लगाए बैठे तेंदुए ने अचानक प्रियंका पर पीछे से हमला कर दिया। उसके हाथ और पीठ पर गहरे पंजों के निशान पड़ गए।

मां का साहस: दरांती लेकर भिड़ गई आदमखोर से

तेंदुए के झपटने के बाद ज्यादातर लोग सहमकर भाग जाते हैं, लेकिन प्रियंका की मां ने अदम्य साहस दिखाया। उन्होंने जोर-जोर से चिल्लाकर मदद मांगी और दरांती उठाकर सीधे तेंदुए की ओर लपक गईं।
तेंदुआ कुछ देर तक गुर्राता रहा, लेकिन महिला की हिम्मत और शोरगुल से घबराकर जंगल की ओर भाग गया। इस दौरान गांव की अन्य महिलाएं और लोग भी मौके पर पहुंच गए और बेटी को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

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हाल के दिनों में बढ़ा तेंदुए का आतंक

यह घटना अकेली नहीं है। इससे पहले भी पोखड़ा रेंज में तेंदुए ने दहशत फैलाई है।

  • 12 सितंबर को इसी इलाके में एक 4 वर्षीय बच्ची को तेंदुआ घर से उठा ले गया था। बाद में वन विभाग ने उसे पिंजरे में कैद किया था।
  • अब कुछ ही दिनों बाद दोबारा हमले ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है।

ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए लगातार आबादी के आसपास मंडरा रहे हैं। ऐसे में खेतों में काम करना और जंगल जाना बेहद खतरनाक हो गया है।

वन विभाग की कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही गढ़वाल वन प्रभाग की एसडीओ लक्की शाह ने टीम को मौके पर भेजा। वन विभाग ने पुष्टि की है कि हमला गुलदार (तेंदुआ) का ही था। विभाग ने आश्वासन दिया है कि इलाके में पिंजरे लगाए जाएंगे और गश्त बढ़ाई जाएगी ताकि स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

मां के साहस से मिली प्रेरणा

प्रियंका की मां ने जिस तरह से दरांती उठाकर तेंदुए से सीधा सामना किया, वह साधारण घटना नहीं है। इसे मां दुर्गा के साहसिक रूप से भी जोड़ा जा सकता है। उनकी हिम्मत ने न सिर्फ बेटी की जान बचाई बल्कि पूरे इलाके के लोगों को प्रेरित किया कि मुश्किल समय में घबराने के बजाय डटकर मुकाबला करना चाहिए।

निष्कर्ष

हलूणी गांव की यह घटना एक ओर पहाड़ी जीवन की चुनौतियों को उजागर करती है तो दूसरी ओर मातृत्व की शक्ति का अद्भुत उदाहरण भी पेश करती है। यह साफ है कि ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग को और सक्रिय कदम उठाने होंगे।

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लेकिन सबसे अहम बात यह है कि इस घटना ने साबित कर दिया कि जब बात अपने बच्चों की जान बचाने की हो, तो एक मां किसी भी खतरे से टकराने में पीछे नहीं हटती।

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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped businesses achieve remarkable organic growth through his strategic digital marketing approach. Deeply connected to his roots, Rishab is passionate about showcasing the rich culture, travel destinations, and traditions of Uttarakhand. His engaging content has attracted a growing readership, hitting over 10,000 visits in just two months.
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