नैनीताल/ढिकाला
उत्तराखंड के प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में रविवार को ढिकाला जोन से लौट रहे पर्यटक उस समय दहशत में आ गए जब जामुन स्रोत, बड़सोती और कोठीदूंगा जैसे इलाकों में नाले उफान पर आ गए और रास्तों में पेड़ गिर गए। 28 जिप्सियों और चार कैंटर वाहनों में सवार सैकड़ों पर्यटक करीब ढाई घंटे तक जंगल के बीच फंसे रहे। बारिश के कारण हुए जलभराव और अवरुद्ध रास्तों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
वन विभाग के अधिकारियों और जिप्सी चालकों ने तत्परता दिखाते हुए रेस्क्यू अभियान चलाया और सभी पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला। यह घटना उस समय हुई जब खराब मौसम को देखते हुए वन विभाग ने 15 जून से नाइट स्टे बंद कर दिया और 14 जून को पार्क में रुके पर्यटकों को 16 जून की सुबह साढ़े 9 बजे तक बाहर निकलने के निर्देश दिए थे।
हालांकि अधिकांश पर्यटक समय पर ढिकाला से निकल गए थे, लेकिन रास्ते में जामुन स्रोत में एक जिप्सी फंस गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। अगर पानी का स्तर और बढ़ता, तो बड़ा हादसा हो सकता था। मौके पर पहुंचे पार्क वार्डन अमित गवासाकोटी ने स्थिति को नियंत्रित किया और अन्य जिप्सियों को रोका। पानी कम होने तक सभी वाहन रुके रहे। इस बीच चालकों और स्टाफ ने पत्थर डालकर रास्ता तैयार किया और फंसी हुई जिप्सी को दूसरी जिप्सी की मदद से खींचकर बाहर निकाला गया।
सिर्फ इतना ही नहीं, आगे रास्ते में कई जगह पेड़ गिरने से मार्ग अवरुद्ध हो गया था। वनकर्मियों ने कटर मशीनों की मदद से रास्ता साफ किया। इन सभी प्रयासों के बाद, पर्यटक आखिरकार दोपहर करीब दो बजे रामनगर पहुंच पाए।
यह घटना जंगल में फंसे होने के डर और प्रशासन की तत्परता की मिसाल बनी रही। पर्यटकों ने राहत की सांस ली और वन विभाग की कार्यशैली की सराहना की।