उत्तराखंड के चारधाम यात्रा में सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण मानी जाने वाली केदारनाथ धाम की यात्रा अब भक्तों के लिए और आसान होने जा रही है। सरकार और प्रशासन की ओर से संकेत मिले हैं कि 15 सितंबर से केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो सकती है। अभी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से अंतिम अनुमति का इंतजार है।
ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा
हेली सेवा शुरू होते ही श्रद्धालु IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट से टिकट बुक कर सकेंगे। यूकाडा (उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण) के सीईओ आशीष चौहान ने बताया कि अनुमति मिलते ही सारी प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू कर दी जाएगी। अनुमान है कि टिकट बुकिंग की सुविधा 10 सितंबर से ही उपलब्ध हो जाएगी।
तैयारियों में जुटा प्रशासन
यूकाडा और यात्रा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी इस सेवा को शुरू करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उनका कहना है कि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए समय से पहले सभी इंतज़ाम पूरे कर लिए जाएंगे।
क्यों है हेली सेवा की ज़रूरत?
हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ धाम की यात्रा पर आते हैं। यह मंदिर समुद्र तल से करीब 11,755 हज़ार फीट की ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ तक पहुँचने के लिए लंबा पैदल सफर तय करना पड़ता है। लगभग 16–18 किलोमीटर का यह मार्ग ऊँचाई, मौसम की अनिश्चितता और दुर्गम रास्तों की वजह से बेहद चुनौतीपूर्ण माना जाता है। बारिश, ठंड और ऊबड़-खाबड़ रास्ते के कारण यह यात्रा बुजुर्गों और बीमार श्रद्धालुओं के लिए बेहद कठिन हो जाती है।
ऐसे में हेलीकॉप्टर सेवा न सिर्फ समय बचाती है, बल्कि उन यात्रियों के लिए जीवनरेखा साबित होती है जो पैदल यात्रा करने की स्थिति में नहीं होते।
स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर
हेली सेवाओं का संचालन स्थानीय लोगों के लिए भी एक अवसर है। इससे आसपास के इलाकों में होटल, रेस्टोरेंट और परिवहन सेवाओं को बढ़ावा मिलता है। हालांकि, यह भी सच है कि पैदल यात्रा से जुड़े स्थानीय खच्चर और डंडी-कंडी वाले मजदूरों की रोज़ी-रोटी पर इसका असर पड़ सकता है। सरकार को इस संतुलन पर भी ध्यान देना होगा।
निष्कर्ष
अगर तय योजना के मुताबिक 15 सितंबर से हेली सेवा शुरू होती है, तो यह यात्रा सीजन में बड़ी राहत साबित होगी। ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा और प्रशासन की तैयारियों से श्रद्धालुओं का अनुभव और भी सहज हो जाएगा। अब सभी की निगाहें DGCA की अंतिम अनुमति पर टिकी हैं।