UKSSSC Paper Leak: गेट से कूदकर एग्जाम हॉल पहुंचा, जुराब में छिपाया फोन; UKSSSC पेपर लीक में खालिद पर नए खुलासे

Rishab Gusain
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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped...
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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) का पेपर लीक मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस घोटाले ने न सिर्फ युवाओं के सपनों पर पानी फेरा बल्कि राज्य की भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। ताज़ा खुलासा इस केस के मास्टरमाइंड खालिद से जुड़ा है, जिसने पूछताछ में पुलिस को कई चौंकाने वाली बातें बताई हैं।

गेट से कूदकर परीक्षा केंद्र में घुसा

खालिद ने कबूल किया कि वह चेकिंग से बचने के लिए पीछे के गेट से कूदकर परीक्षा हॉल में पहुंचा। इतना ही नहीं, उसने मोबाइल को जुराब में छिपाया था ताकि तलाशी के दौरान पकड़ा न जाए। परीक्षा के दौरान वह दो बार वॉशरूम गया और वहीं से प्रश्नपत्र की तस्वीरें खींचकर अपनी बहन साबिया को भेज दीं।

बहन और प्रोफेसर तक पहुंचा पेपर

खालिद ने माना कि उसी ने मोबाइल साबिया को दिया था, और इसी मोबाइल से पेपर की तस्वीरें प्रो. सुमन तक पहुंचाई गईं। यही वह कड़ी है जिसने पूरे पेपर लीक नेटवर्क को मजबूत किया। पूछताछ में उसने यह भी बताया कि परीक्षा खत्म होने के बाद वह घर गया, बहन से मोबाइल लिया और तुरंत फरार हो गया।

खालिद बाद में रुड़की से ट्रेन पकड़कर लखनऊ चला गया और फिर कुछ दिनों बाद हरिद्वार लौटा, जहां उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि पुलिस को अब तक उसके पास से वह मोबाइल फोन बरामद नहीं हुआ। कभी वह कहता है कि फोन गंगनहर में फेंका, तो कभी लखनऊ-हरिद्वार के बीच कहीं।

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STF की सख्त पूछताछ

हरिद्वार में गिरफ्तारी के बाद एसएसपी देहरादून अजय सिंह और एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोबाल ने उससे करीब डेढ़ घंटे पूछताछ की। इसके बाद उसे देहरादून स्थित STF दफ्तर लाया गया। पुलिस का मानना है कि खालिद इस रैकेट का महत्वपूर्ण हिस्सा है और उससे और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

खालिद का बैकग्राउंड

खालिद का बैकग्राउंड भी चौंकाने वाला है। हाल ही में, 1 अगस्त को उसने देहरादून स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (IIP) में संविदा पर बतौर डेटा एंट्री ऑपरेटर काम शुरू किया था। इससे पहले वह तीन साल तक लोक निर्माण विभाग (PWD) में जेई (जूनियर इंजीनियर) के पद पर संविदा में कार्य कर चुका है। यानी उसके पास सिस्टम की कार्यप्रणाली की समझ थी, जिसे उसने गलत तरीके से इस्तेमाल किया।

क्यों बड़ा है यह मामला?

UKSSSC पेपर लीक सिर्फ एक भर्ती परीक्षा का मुद्दा नहीं है। यह सीधे-सीधे युवाओं के भविष्य से जुड़ा मामला है। पहाड़ जैसे इलाकों में जहां सरकारी नौकरियां युवाओं का सबसे बड़ा सहारा होती हैं, वहां ऐसे घोटाले उम्मीदों को तोड़ते हैं।

मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि यह केस बताता है कि परीक्षा प्रणाली में अभी भी कई कमजोर कड़ियां हैं—सुरक्षा जांच से लेकर परीक्षा केंद्रों की निगरानी तक। अगर कोई अभ्यर्थी मोबाइल छिपाकर हॉल में प्रवेश कर सकता है, तो यह सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरी प्रणाली की नाकामी है।

आगे की राह

यह केस सरकार और भर्ती एजेंसियों के लिए एक बड़ा सबक है।

  1. परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा को और कड़ा किया जाना चाहिए।
  2. जांच प्रणाली में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना होगा, जैसे मोबाइल जैमर और बॉडी स्कैनर।
  3. दोषियों पर सख्त सजा सुनिश्चित करनी होगी ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत करने की हिम्मत न कर सके।
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निष्कर्ष

खालिद का गेट फांदकर अंदर जाना और जुराब में मोबाइल छिपाना सुनने में भले ही फिल्मी लगे, लेकिन यह हकीकत है जिसने हजारों उम्मीदवारों का भविष्य दांव पर लगा दिया। STF की जांच आगे और भी परतें खोलेगी, लेकिन इस पूरे प्रकरण से साफ है कि अगर व्यवस्था मजबूत नहीं की गई, तो ऐसे पेपर लीक घोटाले युवाओं का भरोसा बार-बार तोड़ते रहेंगे।

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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped businesses achieve remarkable organic growth through his strategic digital marketing approach. Deeply connected to his roots, Rishab is passionate about showcasing the rich culture, travel destinations, and traditions of Uttarakhand. His engaging content has attracted a growing readership, hitting over 10,000 visits in just two months.
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