Supreme Court Approves JSW Steel: JSW Steel के पक्ष में आया ‘सुप्रीम’ फैसला, सबसे लम्बा इंसॉल्वेंसी केस खत्म, अधिग्रहण का रास्ता साफ

Rishab Gusain
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भारत के कॉर्पोरेट जगत के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड (JSW Steel Ltd) के पक्ष में फैसला सुनाते हुए भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (BPSL) के ₹19,700 करोड़ के अधिग्रहण प्लान को हरी झंडी दे दी। इसके साथ ही देश का सबसे लंबा खिंचने वाला इंसॉल्वेंसी केस भी आखिरकार खत्म हो गया।

मामला क्या था?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने साल 2017 में 12 बड़े डिफॉल्टर्स की सूची जारी की थी, जिन पर करीब ₹47,000 करोड़ का कर्ज बकाया था। भूषण पावर एंड स्टील (BPSL) भी इन्हीं कंपनियों में शामिल थी। 2018 में जब इसे बेचने की प्रक्रिया शुरू हुई, तो जेएसडब्ल्यू स्टील ने ₹19,700 करोड़ की बोली लगाकर टाटा स्टील को पीछे छोड़ दिया।

लेकिन अधिग्रहण की राह आसान नहीं रही। कंपनी के प्रमोटर संजय सिंगल, कल्याणी ग्रुप और ओडिशा सरकार समेत कई पक्षों ने इस प्लान पर सवाल उठाते हुए कानूनी लड़ाई शुरू कर दी। इन सभी चुनौतियों और अपीलों के चलते यह केस सालों तक अटका रहा।

सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला

जस्टिस बी. आर. गवई, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की विशेष बेंच ने साफ कहा कि इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) के फैसलों का सम्मान किया जाना चाहिए। अदालत ने उन लेनदारों की आपत्तियों को भी खारिज कर दिया, जिन्होंने इस अधिग्रहण को रोकने की कोशिश की थी।कोर्ट ने यह भी नोट किया कि जेएसडब्ल्यू स्टील पहले ही BPSL को लाभकारी कंपनी बना चुकी है, और इसलिए एनसीएलटी व एनसीएलएटी द्वारा दी गई मंजूरी को बरकरार रखा जाता है।

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शेयर बाजार पर असर

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद निवेशकों में हलचल जरूर देखने को मिली। शुक्रवार को बीएसई पर जेएसडब्ल्यू स्टील का शेयर ₹1,151 पर खुला, लेकिन दिन में यह 1% से ज्यादा गिरकर ₹1,130.20 तक पहुंच गया। दोपहर 11:49 बजे तक यह शेयर करीब 1% गिरावट के साथ ₹1,136.35 पर ट्रेड कर रहा था।

यह उतार-चढ़ाव इस बात का संकेत है कि निवेशक अब भी कंपनी के भविष्य के वित्तीय बोझ और बाजार की स्थिति का आकलन कर रहे हैं।

पहले आया था उल्टा फैसला

ध्यान देने वाली बात है कि इसी साल 2 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिग्रहण प्लान को रद्द कर दिया था। उस फैसले के बाद लेंडर्स को जेएसडब्ल्यू को ₹19,350 करोड़ लौटाने पड़े थे और बैंकों के करीब ₹34,000 करोड़ फंस गए थे। लेकिन अब कोर्ट के पुनर्विचार आदेश से मामला साफ हो गया है।

निष्कर्ष

जेएसडब्ल्यू स्टील का यह अधिग्रहण भारत की इंसॉल्वेंसी प्रणाली के लिए एक बड़ी जीत है। भूषण पावर एंड स्टील जैसे बड़े केस का निपटारा यह दर्शाता है कि कानूनी अड़चनों के बावजूद न्यायपालिका अंततः समाधान का रास्ता साफ कर देती है। आने वाले समय में यह केस कॉर्पोरेट जगत और निवेशकों के लिए एक मिसाल बनेगा।

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Rishab Gusain is a Digital Marketing Executive and skilled content writer from Dehradun, Uttarakhand. With experience working for several national and international brands, he has helped businesses achieve remarkable organic growth through his strategic digital marketing approach. Deeply connected to his roots, Rishab is passionate about showcasing the rich culture, travel destinations, and traditions of Uttarakhand. His engaging content has attracted a growing readership, hitting over 10,000 visits in just two months.
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