देहरादून/रुद्रप्रयाग/चमोली/उत्तरकाशी:
उत्तराखंड में मानसून की भारी बारिश ने एक बार फिर चारधाम यात्रा को प्रभावित किया है। तेज बारिश और बार-बार हो रहे भूस्खलनों के कारण राज्य सरकार और प्रशासन को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित करने का फैसला लेना पड़ा है। तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग और अन्य विश्राम स्थलों पर रोका गया है। वहीं, बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा भी कई मार्ग बाधित होने के कारण रोक दी गई है।
यमुनोत्री मार्ग पर हादसा, दो की मौत, दो लापता
यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर सोमवार को नौकैची मोड़ के पास एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिसमें दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि दो अन्य अब भी लापता हैं। यह हादसा उस वक्त हुआ जब यात्री ट्रैकिंग रूट से यमुनोत्री धाम की ओर बढ़ रहे थे। भारी बारिश के चलते चट्टानों के गिरने से मार्ग की रेलिंग और पगडंडियां क्षतिग्रस्त हो गईं।
घटना के बाद SDRF, NDRF और खोजी कुत्तों की टीमें मौके पर पहुंचीं और लापता लोगों की तलाश शुरू की। बुधवार को राहत व बचाव कार्य का तीसरा दिन है, लेकिन अब तक लापता लोगों का कोई सुराग नहीं लग पाया है।
केदारनाथ यात्रा रोकने का निर्णय
केदारनाथ यात्रा को भी लगातार भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका के चलते सोनप्रयाग और गौरीकुंड के पास रोका गया है। श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है और उन्हें यात्रा फिर से शुरू होने तक वहीं रुकने की सलाह दी गई है। प्रशासन का कहना है कि जब तक मौसम अनुकूल नहीं हो जाता और मार्ग पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो जाता, यात्रा फिर से शुरू नहीं की जाएगी।
बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब यात्रा भी प्रभावित
बदरीनाथ हाईवे पर गोविंदघाट के पास पिनोला क्षेत्र में बोल्डर और मलबा गिरने से मार्ग अवरुद्ध हो गया है। इससे बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब यात्रा भी बाधित हुई है। जिला प्रशासन की टीमें मार्ग को साफ करने में लगी हैं, लेकिन रुक-रुक कर हो रही बारिश राहत कार्यों में बाधा बन रही है।
प्रशासन की अपील: संयम और सावधानी बरतें श्रद्धालु
राज्य के सभी जिलों में प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल श्रद्धालुओं से लगातार संपर्क में हैं। जिला अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों से संयम बरतने, आश्रय स्थलों में रुकने और मौसम विभाग द्वारा जारी की गई चेतावनियों का पालन करने की अपील की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रा के प्रभावित होने पर चिंता जताते हुए कहा,
“श्रद्धालुओं की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्थिति पर लगातार नजर रखें और आवश्यकता पड़ने पर राहत व बचाव कार्य में तेजी लाएं।”
भूस्खलन का जोखिम बढ़ा, चारधाम यात्रा फिर स्थगन की कगार पर
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र मानसून के दौरान भूस्खलन के लिहाज से बेहद संवेदनशील होते हैं। बीते एक सप्ताह से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हो रही भारी बारिश ने सड़क मार्गों को खतरनाक बना दिया है, जिससे कई जगहों पर रास्ते बंद हो चुके हैं।
चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है, लेकिन भौगोलिक परिस्थितियों और मौसम की मार के कारण इसमें बार-बार बाधा आती है। प्रशासन और मौसम विभाग की लगातार निगरानी के बावजूद प्राकृतिक आपदाएं पूरी यात्रा को प्रभावित कर देती हैं।