देहरादून में पिछले चार दिनों में 10 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए हैं, जिससे घुसपैठ का शक बढ़ गया है। पटेलनगर से पकड़े गए पांच बांग्लादेशियों को वापस भेज दिया गया है। पुलिस को लगता है कि एक गिरोह इन लोगों को देहरादून लाने और उनके लिए नकली कागजात बनाने में मदद कर रहा है। खुफिया एजेंसियां भी इस मामले की जांच कर रही हैं।
बीते मंगलवार को पटेलनगर इलाके से पकड़े गए पांच बांग्लादेशी लोगों को पुलिस ने उनके देश वापस भेज दिया है। साथ ही, अन्य इलाकों में भी जांच तेज कर दी गई है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि ये लोग कहां पहुंचे और कहां रहते हैं।
इस बीच यह शक भी जताया जा रहा है कि देहरादून में बहुत सारे बांग्लादेशी घुसपैठिए रह रहे हैं। इनके देहरादून तक आने और स्थानीय फर्जी कागजात बनाने वालों का एक गिरोह भी सक्रिय हो सकता है। देहरादून पुलिस ने सभी थानों में सख्त जांच शुरू कर दी है।
बीते मंगलवार को देहरादून पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर पांच बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा था। इनमें चार महिलाएं और एक पुरुष थे। पूछताछ में पता चला कि ये सभी बांग्लादेश के नागरिक हैं, इसलिए पुलिस ने केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार इन्हें वापस भेज दिया।
इसके पहले 18 मई को क्लेमेंटाउन क्षेत्र में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में काम कर रहे पांच बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इनमें एक महिला और चार पुरुष थे जो भारत में घुसपैठ करके रह रहे थे। एक बांग्लादेशी व्यक्ति ने तो अपना फर्जी आधार कार्ड भी बना रखा था और कई सालों से भारत में ठेकेदारी का काम कर रहा था।
पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि कई बांग्लादेशी नागरिकों ने भारत के अलग-अलग राज्यों में शादी कर ली है और यहीं रह रहे हैं। साथ ही, वे भारत के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज भी फर्जी बनवा रहे हैं।
अब पुलिस उन लोगों की भी तलाश कर रही है जो बांग्लादेशियों को देहरादून में बसाने में मदद कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियां भी इस मामले की जांच कर रही हैं।